पटना. लिपिकों की कमी से जूझ रहे सरकारी अस्पतालों को अब जल्द ही लिपिक उपलब्ध हो जायेंगे. स्वास्थ्य विभाग की ओर से 967 निम्नवर्गीय लिपिकों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ कर दी गयी है. विभाग ने सामान्य प्रशासन के माध्यम से बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग को 967 निम्मवर्गीय लिपिकों की नियुक्ति करने की अधियाचना भेज दी है. बिहार में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में अस्पतालों के लिपिकों की नियुक्ति की जा रही है. इन पदों पर नियुक्ति होने के बाद अस्पतालों और विभाग में 85 प्रतिशत पदों पर लिपिक उपलब्ध हो जायेंगे.
सूत्रों की मानें, तो जो 967 लिपिकों की नियुक्ति की जानी है उनमें सामान्य कोटि के 308 पद, अनुसूचित जाति के 219 पद, अनुसूचित जनजाति के 12 पद, अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 200 पद, पिछड़ा वर्ग के 27 पद, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के 104 पद और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 97 पद शामिल हैं.
इसके साथ ही सरकार राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत लिपिकों का राज्य संवर्ग बनाने जा रही है. राज्य संवर्ग बन जाने से वर्षों से एक ही जगह जमे बाबुओं का दूसरे जिलों में तबादला हो सकेगा. इसकी तैयारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है. विभाग इसको लेकर एक नयी नियमावली भी तैयार कर रहा है. नियमावली के प्रभावी होने के बाद अब नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति तक एक ही स्थान पर काम नहीं कर सकेंगे. इसके साथ ही विभाग ने अस्पतालों में लिपिकों की नियुक्ति का काम सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षकों के हाथों से छीन जायेगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में नियुक्ति बिहार कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से होगी.
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स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पदस्थापित लिपिकों की नयी नियमावली तैयार की जा रही है. इसमें सभी प्रकार के लिपिक संवर्ग का एक स्टेट कैडर तैयार किया जायेगा. स्टेट कैडर तैयार होने के बाद लिपिकों के स्थानांतरण अब एक जिले से दूसरे जिले में किया जाना संभव हो जायेगा.