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बिहार में जातीय गणना का काम अब युद्धस्तर पर करने का निर्देश, जानिए कबतक पूरा हो जाएगा सर्वे…

पटना हाईकोर्ट की ओर से जातीय गणना पर रोक हटाने के साथ ही बिहार में फिर एकबार सर्वे कार्य शुरू कर दिया गया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार ने कैविएट दाखिल की है. जिलों में जातीय गणना के कार्य शुरू कर दिए गए हैं. जानिए कबतक पूरा होगा काम..

पटना हाइकोर्ट द्वारा रोक हटाते ही 89 दिनों के बाद बुधवार से बिहार में जातीय गणना का काम फिर से शुरू हो गया है. सरकार ने इसे युद्धस्तर पर पूरा करने का निर्देश दिया है. जाति गणना के नोडल सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों के अनुसार जाति आधारित गणना का 80% कार्य हाइकोर्ट द्वारा रोक लगाने से पहले ही पूरा कर लिया गया था. शेष बचा 20% काम अगस्त के तीसरे सप्ताह में पूरा होने की संभावना है.

सभी जिलों से गणना कार्यों का फीडबैक लिया गया

सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बुधवार को राज्य के सभी जिलों में जाति गणना का छूटा हुआ कार्य शुरू हो गया. जितने प्रगणक हैं, वे क्षेत्र में भेजे दिये गये हैं और पूर्व में चिह्नित घरों से 26 प्रकार की जानकारियों को एकत्र करने का काम शुरू हो गया है. इधर, अधिकारियों ने सभी जिलों से गणना कार्यों का फीडबैक लिया. मुख्य सचिव ने भी सभी डीएम के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग से बात की और जानकारियां एकत्र कर मोबाइल एप से अपलोड करने का निर्देश दिया.

पटना हाइकोर्ट के आदेश के बाद गणना कार्य शुरू

पटना हाइकोर्ट के आदेश के बाद पटना जिले में जाति गणना बुधवार को फिर से शुरू हो गयी. पहले दिन 61, 810 परिवारों की गणना हुई. जिले में अब तक 9.97 लाख परिवारों की गणना हो चुकी है, जो कुल परिवारों की संख्या 13.69 लाख का 72.85% है. डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह प्रखंड कार्यालय पहुंचे और जाति गणना के लिए वितरण कराये जा रहे प्रपत्र कार्य का जायजा लिया. इसके बाद वार्ड नंबर-10 पूर्णेंदु नगर कॉलोनी में लोगों के घर जाकर जाति गणना का निरीक्षण व फीडबैक लिया.

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पटना में 4 लाख परिवारों का सर्वेक्षण बाकी

पटना के डीएम ने बताया कि जाति गणना पर रोक लगाये जाने के समय सभी प्रपत्र को जमा करा लिया गया था. बुधवार से नगर परिषद व प्रखंड स्तर से सभी जाति गणना में शामिल कर्मियों को प्रपत्र का वितरण किया गया है. जिले में 13.69 लाख परिवार यानी कुल 73 लाख आबादी है, जिनमें 9.35 लाख परिवारों का सर्वेक्षण हो गया था. करीब 4 लाख परिवारों का सर्वेक्षण करना बाकी है, जिसे एक सप्ताह में पूरा करने का लक्ष्य है.

बांका में जातीय गणना

हाइकोर्ट के निर्देश के बाद बांका में एक बार फिर से जाति आधारित गणना का कार्य आरंभ कर दिया गया है. बुधवार को डीएम अंशुल कुमार ने प्रखंड क्षेत्र में जाति आधारित गणना कार्य का निरीक्षण किया. निरीक्षण के क्रम में गणना के लिए प्रतिनियुक्त प्रगणक को जिलाधिकारी ने कई निर्देश भी दिये. बांकि ललमटिया गांव में डीएम स्वयं जाकर आदिवासी महिला से आवश्यक बातचीत की. डीएम ने महिला से घर के सदस्यों की संख्या और उनसे संबंध की जानकारी ली. मौके पर मौजूद प्रगणक शाहिद हुसैन को कई बातें डीएम ने बतायी. यहां के बाद डीएम ने नगर पंचायत के अचारज मोहल्ले में भी जाति आधारित गणना कार्य का जायजा लिया गया.

भागलपुर के डीएम का निर्देश

भागलपुर के जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने बुधवार को गोराडीह अंचल सह प्रखंड का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने आवश्यक पंजी सहित अन्य फाइलों की जांच करते हुए आवश्यक निर्देश दिये. इसके बाद उन्होंने जाति आधारित गणना कार्य में तेजी लाने और निर्धारित समय तक शत-प्रतिशत पूरा करने का निर्देश दिया. 

कटिहार में जाति जनगणना का कार्य

राज्य सरकार के अवर सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के जारी आदेश पर जाति आधारित जनगणना कार्य बुधवार से प्रारंभ करने की जानकारी दी गयी है. कुरसेला प्रखंड कार्यालय में चार्ज पदाधिकारी सह बीडीओ अजय कुमार की अध्यक्षता में पर्यवेक्षक पदाधिकारियो की बैठक आयोजित की गयी. बैठक में जनगणना कार्य से जुड़े सबंधित अधिकारियों कर्मियों को निदेशित किया गया कि सप्ताह के अंदर ऑनलाइन व ऑफलाइन कार्य को पूर्ण करना है. मौके पर सीओ जयप्रकाश सहित 25 पर्यवेक्षक उपस्थित थे. प्रखंड क्षेत्र 113 प्रगणक और नगर पंचायत में 35 प्रगणक जनगणना कार्य से जुड़े है.

सुप्रीम कोर्ट क्यों पहुंची बिहार सरकार?

बिहार में जाति गणना पर रोक हटाने के बाद राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है. सरकार ने यह कदम सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल होने की संभावना को देखते एक कानूनी प्रक्रिया के तहत उठाया है. कैविएट याचिका के जरिये बिहार सरकार ने उच्चतम न्यायालय से अपील की है कि इस मामले में बिना उसका पक्ष सुने कोई आदेश जारी नहीं किया जाये. बिहार सरकार के वकील मनीष सिंह के द्वारा यह याचिका दाखिल की गयी है.

झारखंड में भी बिहार की तर्ज पर जनगणना

झारखंड सरकार ‘जाति आधारित जनगणना’ कराने पर विचार कर रही है. राज्य सरकार की इसकी तैयारी में जुटी है. विधानसभा से प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा जायेगा. जातियों को जनसंख्या के आधार पर नियुक्ति से लेकर अन्य लाभ मिल सकें, इसके लिए ‘जाति आधारित जनगणना’ कराने की मांग लगातार उठती रही है.

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