बिहार सिपाही भर्ती परीक्षा के सॉल्वर गैंग के सरगना की गिरफ्तारी हुई है. पुलिस ने कमलेश कुमार नाम के एक शख्स को नवादा से गिरफ्तार किया है. पटना के कंकरबाग थाने की पुलिस ने कार्रवाई के दौरान यह गिरफ्तारी की है. गिरफ्तार शख्स से पुलिस की पूछताछ में कई तरह के राज खोले है. जानकारी के अनुसार अपने बहनोई को पास कराने के लिए इसने आंसर की भेजी थी. यह नालंदा क्यूआरटी में तैनात था. मूल रुप से यह गया का रहने वाला था. साल 2021 में इसकी सिपाही में भर्ती हुई थी. कंकरबाग स्थित रामकृष्ण द्वारिका कॉलेज में छह अभ्यर्थियों की गिरफ्तारी हुई थी. इनमें से एक मुख्य आरोपी का बहनोई था. इसने परीक्षा शुरु होने के पांच घंटे पहले ही इन्हें आंसर की भेजी थी. आंसर की भेजने के बाद फोन नंबर के लोकेशन से पुलिस ने नालंदा से कमलेश को गिरफ्तार किया है.
मुख्य आरोपी के भाई के खाते से लाखों की लेनदेन हुई थी. पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है. फिलहाल, इस बात का पुलिस पता लगा रही है कि उसके पास आंसर की कहां से आई और उसने अभ्यर्थियों से कितने रुपए लिए थे. पुलिस इस मामले में आगे की कार्रवाई कर रही है. पुलिस गिरोह के अन्य सदस्यों के बारे में भी पता लगा रही है. वहीं, सरगना के गिरफ्तारी की थानेदार ने पुष्टी की है. बता दें कि केंद्रीय चयन पर्षद की ओर से एक अक्टूबर को आयोजित सिपाही भर्ती परीक्षा में पेपर लीक हुआ था. पर्चा लीक करने वाले गिरोह के तार लखीसराय जिले से जुड़े भी पाए गए हैं. परीक्षा के दिन सॉल्वर गिरोह के 13 सदस्यों की गिरफ्तारी के बाद लखीसराय की एसआईटी ने गिरोह के मास्टरमाइंड के करीबी चंदन कुमार को गिरफ्तार किया था. वह सूर्यगढ़ा थाना क्षेत्र के जकड़पुरा गांव का रहने वाला है.
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इसके पास से मोबाइल फोन और चार पन्नों के परीक्षा से जुड़े दस्तावेज, आंसर शीट, मोबाइल के अंदर सैकड़ों अभ्यर्थियों के एडमिट कार्ड पाए गए थे. लखीसराय साइबर सेल की टीम भी कार्रवाई में जुटी है. पुलिस के समक्ष चंदन ने कई गहरे राज उगले हैं. पेपर लीक गिरोह के 15-16 सदस्यों के नाम भी उसने बताए हैं. बता दें कि पेपर लीक मामले की जांच बिहार की आर्थिक अपराध इकाई कर रही है. लखीसराय में पकड़ाए सॉल्वर गिरोह के कुल 14 सदस्यों एवं उसके पास से बरामद साक्ष्य की पूरी जानकारी लखीसराय पुलिस ने राज्य मुख्यालय को भेज दी थी. एसपी पंकज कुमार ने जानकारी दी थी कि सिपाही भर्ती परीक्षा में पकड़ाए चंदन कुमार और अन्य सेटरों के बैंक खाते को फ्रीज किया गया है. इसमें 16 लाख रुपये होल्ड करवाए गए हैं. यह रुपये आंसर शीट उपलब्ध कराने के एवज में वसूले गए थे.
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बता दें कि पटना के कंकड़बाग स्थित द्वारिका कॉलेज से दूसरी पाली में छह परीक्षार्थियों को पकड़ा गया था. इनके पास से आंसर की बरामद किए गए थे. प्रश्न पत्र से आंसर की मैच हो गया था. गिरफ्तार परीक्षार्थियों में रजनीश कुमार, रवि रंजन, अरविंद कुमार, रोशन कुमार, मनु कुमार और विमल कुमार शामिल था. इन पर केस दर्ज किया गया है. इनसे लगातार पूथताछ जारी है. राजधानी के रामकृष्ण नगर थाना क्षेत्र से भी एक परीक्षा केंद्र पर चार स्कॉलर को गिरफ्तार किया गया है. इसके अलावा समस्तीपुर, सारण, लखीसराय, बेगूसराय, बक्सर, जमुई सहित लगभग एक दर्जन जिलों में इस तरह की कार्रवाई की गई. पकड़े गए स्कॉलर और अभ्यर्थियों के पास से इलेक्ट्रॉनिक गैजेट आदि पाए गए थे. नवादा में बड़ी संख्या में अलग- अलग इलेक्ट्रानिक उपकरण के साथ गिरफ्तार सरगना गौतम राज के भाई विक्रम राज के लैपटॉप से लाखों की लेनदेन का खुलासा हुआ है. केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) की ओर से एक अक्टूबर को राज्य के 529 केंद्रों पर परीक्षा हुई थी. इसमें ही पेपर लीक की बात सामने आई. पुलिस ने अब मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है. पुलिस लगातार इस मामले में कार्रवाई में जुटी है.