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बिहार: घर के अंदर छिपकर बैठा था मगरमच्छ, गांव में घुसने की ताक में था 12 फीट का किंग कोबरा सांप

बिहार की नदियां इन दिनों उफनाई हुई हैं. वहीं पश्चिमी चंपारण में जीव-जंतु भी बरसात के मौसम में बिलबिला रहे हैं. वाल्मीकिनगर में गंडक नदी से भटक कर एक विशाल मगरमच्छ एक घर में घुस गया और छिपकर बैठा था. वहीं किंग कोबरा भी रिहाइशी इलाके में मिला.

Bihar News: बिहार की नदियों में इन दिनों उफान है. नदियों का जलस्तर बढ़ा तो पानी गांवों में प्रवेश करने लगा. वहीं जीव जंतु भी इन दिनों बिलबिला रहे हैं. बेतिया के वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में इन दिनों विषैले सांप जंगल से बाहर निकल रहे हैं. अचानक एक किंग कोबरा पिछले दिनों रिहायशी इलाके में घुस गया. लोगों ने इस विशालकाय कोबरा सांप को देखा तो उनके रौंगटे खड़े हो गए. इस सांप का वजन करीब 18 किलो था. इसकी जानकारी मिलते ही रेस्क्यू के लिए वन विभाग की टीम पहुंची जिसमें 8 एक्सपर्ट थे. लंबे समय तक जद्दोजहद चला और कोबरा को पकड़ा जा सका. होटल वाल्मीकि रिसोर्ट के पास पिपराकुटी गांव का यह मामला है जो वीटीआर से सटा हुआ है.

घर में घुसा मगरमच्छ

पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकिनगर में गंडक नदी से भटक कर एक विशाल मगरमच्छ शनिवार की सुबह थाना क्षेत्र के गोल चौक स्थित जी टाइप गंडक कॉलोनी निवासी व नेचर गाइड सोनू कुमार के घर में जा पहुंचा. इसी बीच गृहस्वामी सोनू कुमार की नजर मगरमच्छ पर पड़ी. गृहस्वामी द्वारा इसकी सूचना वन विभाग को दी गयी. सूचना को गंभीरता से लेते हुए कोतराहा वन परिसर के वनकर्मियों की टीम घटनास्थल पर पहुंची. वन कर्मियों की टीम ने घंटों की मशक्कत के बाद मगरमच्छ को पकड़ कर गंडक नदी में सुरक्षित छोड़ दिया. वही वनपाल सोनू कुमार ने बताया कि पकड़े गए मगरमच्छ की लंबाई लगभग आठ फुट था. उन्होंने बताया कि इन दिनों गंडक नदी के जलस्तर में उतार-चढ़ाव होने के कारण जलीय जीव कभी कभार रिहायशी क्षेत्रों में चले आते हैं. वनपाल ने लोगों से अपील किया है कि किसी भी प्रकार के जलीय जीव व वन्यजीव दिखाई दे तो उसके साथ छेड़छाड़ ना करें. इसकी सूचना तुरंत वन कार्यालय को दें.

ऊंचे स्थान की ओर जा रहे जंगली जानवर

वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के मदनपुर जंगल में नीचे तल में बाढ़ का पानी घुस गया है. दिल्ली कैंप और वाल्मीकिनगर-पनियहवा रेल पुल के समीप निचले तल में निवास करने वाले जंगली जानवर निकल कर ऊंचे स्थान की ओर जा रहे हैं. अगर बारिश इसी तरह से होती रही व गंडक नदी में जल स्तर बढ़ता रहा, तो जंगल के अन्य हिस्से में भी बाढ़ का पानी घुस सकता है. मानसून गश्ती से वन व जीव जंतु और जंगल की सुरक्षा के साथ तस्करों और शिकारियों पर शिकंजा कसने की तैयारी में कर्मी और जवान जुटे हुए हैं.

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तेंदुआ भी रिहायशी इलाकों में भी घुस रहे

मदनपुर वन प्रक्षेत्र के एम 1,2 व 7 बाढ़ का पानी जंगल में जलजमाव हो गया है जैसे हिरण, नीलगाय, सुअर, खरगोश, तेंदुआ, आदि जानवर बाढ़ में अपनी से जान बचाने के लिए ऊंचे स्थानों की तलाश में रिहायशी इलाकों में भी घुस रहे हैं. साथ ही वन विभाग में बढ़ते शिकार और तस्करी पर रोकथाम को लेकर वन तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई में वनकर्मी की टीम लगातार छापेमारी व पेट्रोलिंग कर रही है.

हाथी से पेट्रोलिंग

वीटीआर के वन संरक्षक सह निदेशक डॉ नेशामणि ने बताया कि वन व वन्यजीवों की गतिविधि पर नजर रखने के लिए मदनपुर वन प्रक्षेत्र के वन कर्मियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये. वन विभाग की ओर वन व वन्यजीवों की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए वनपाल व वनरक्षी के नेतृत्व में टीटी, पीपी, टाइगर टेकरों को लगाया गया है. और जंगलों में नाव, साइकिल,और हाथी से पेट्रोलिंग किया जा रहा है.

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