Bihar News: बिहार में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. लोगों की चिंता बढ़ती जा रही है. फिलहाल, राज्य में मरीजों का आंकड़ा नौ हजार के पार जा चुका है. डेंगू ने राजधानी में अपने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है. यहां मात्र 24 घंटे में 195 नये मरीज मिले है. यहां संक्रमितों का आंकड़ा 3399 पहुंच चुका है. डेंगू के रिकॉर्ड 195 नये मरीजों ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है. इनमें सबसे अधिक पीएमसीएच में 45, आइजीआइएमएस में 22, एनएमसीएच में 23 मरीज मिले है. इसके अलावा जिले के पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल व निजी अस्पतालों में संक्रमित पाए गए हैं. इससे पहले इस मौसम में कुछ दिन पूर्व सबसे अधिक 178 मरीज चिह्नित किये गये थे. इसके साथ ही पटना जिले में डेंगू के मरीजों का आंकड़ा 3399 तक पहुंच गया है. वहीं, राज्य में मरीजों का आंकड़ा नौ हजार के पार पहुंच चुका है.
जानकारी के अनुसार ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहर में डेंगू का खतरा ज्यादा है. अकेले शहर के पाटलिपुत्र अंचल में 78, बांकीपुर में 40, नूतन राजधानी में 21, कंकड़बाग सात, पटना सिटी आठ, अजीमाबाद में चार के अलावा बाकी मरीज ग्रामीण इलाके में मिले हैं. 24 घंटे के अंदर 38 नये मरीजों को संबंधित मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों में भर्ती किया गया है. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार जिले में अब तक अलग-अलग करीब 427 इलाकों व घरों में डेंगू का लार्वा मिला है.
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मुजफ्फरपुर में डेंगू के मरीजों को लेकर एक अच्छी खबर है. यहां अब तक मिले 220 मरीजों में से 204 लोग डेंगू को मात देकर पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं. वहीं 16 लोगों का इलाज जारी है. अधिकांश लोग घर पर ही स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं. सिविल सर्जन उमेश चंद्र शर्मा ने बताया कि डॉक्टरों की टीम इन मरीजों पर लगातार नजर बनाए हुए है. इनमें से कोई भी मरीज गंभीर स्थिति में नहीं है. उन्होंने बताया कि प्लेटलेट काउंट 20 हजार से कम होने पर मरीज को प्लेटलेट चढ़ाना होता है. डेंगू में प्लेटलेट का काउंट कम होता है, किंतु मरीज को गंभीरता के लिए सिर्फ प्लेटलेट ही पैमाना नहीं है. डॉक्टर प्लेटलेट के साथ मरीज के लक्षण देख कर निर्णय लेते हैं कि प्लेटलेट कब चढ़ाया जाना है.
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चिकित्सक बताते है कि प्लेटलेट्स की कमी होने पर बॉडी पर भूरे, लाल और जामुनी रंग के निशान हो सकते हैं. लाल और जामुनी रंग के छोटे-छोटे रैश हो सकते हैं. नाक से ब्लीडिंग होना, मसूढ़ों से ब्लीडिंग होना, लंबे समय तक घावों से खून बहते रहता है. पीरियड में अधिक ब्लीडिंग होना, मलाशय के माध्यम से ब्लड आना, मल में ब्लड आना, यूरिन में ब्लड आना आदि प्लेटलेट्स में कमी के लक्षण है.
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प्लेटलेट्स को बढ़ाने के लिए नारियल पानी पीये, कीवी खाये और गिलोय का पानी पीए. मुजफ्फरपुर जिले में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. अब हर दिन दस से 12-18 मरीज मिलने लगे हैं. एसकेएमसीएच में डेंगू जांच के दौरान 12 नये केस में डेंगू की पुष्टि हुई है. एक मरीज में डेंगू व चिकनगुनिया दोनों मिले हैं. जिला वेक्टरजनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डाॅ. सतीश कुमार ने इसकी पुष्टि की है. अभी तक जिले में 220 डेंगू के मरीज मिले हैं. जिला वेक्टरजनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि लैब से आयी जांच में जिले के कुल 12 डेंगू के मरीज मिले हैं. एसकेएमसीएच व निजी अस्पतालों में इलाज के लिए भर्ती मरीजों की मॉनीटरिंग की जा रही है. निजी अस्पतालों में भी जो डेंगू मरीज की पुष्टि हो रही है. उनका ब्लड सैंपल लेकर लेबोरेटरी में एलाइजा जांच के लिए भेजा जा रहा है.
इधर, भागलपुर के पीरपैंती के नवगठित नगर पंचायत में ग्रामीणों द्वारा बरसात के बाद हुए जलजमाव के कारण मच्छरों के प्रकोप के मद्देनजर फॉगिंग करवाने व ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव करवाने की मांग की गई है. ग्रामीणों ने यह मांग की है. डेंगू के अलावा अन्य बीमारी ने भी लोगों की परेशानी को बढ़ा दिया है. भागलपुर के कहलगांव में मौसम में परिवर्तन होने के साथ डायरिया का प्रकोप शुरू हो गया है. प्रतिदिन डायरिया के मरीज अनुमंडल अस्पताल पहुंच रहे हैं. अनुमंडल अस्पताल में ब्रह्मचारी गांव की प्रियंका कुमारी 22 और कहलगांव की शीला देवी 42 का उपचार अनुमंडल अस्पताल में किया गया. अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी उपाधीक्षक आनंद मोहन ने इस संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि डायरिया का शुरुआती लक्षण महसूस होते ही डॉक्टर से संपर्क करें.