Bihar Land Registry Process: डीएम अब दाखिल- खारिज के आवेदन को बिना कारण लंबित रखने अथवा खारिज करने वाले अधिकारियों को चिह्नित करेंगे. उनके खिलाफ कार्रवाई कर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव को रिपोर्ट देंगे. विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों के डीएम को पत्र लिखा है. एडीएम और प्रमंडल आयुक्त को इसकी काॅपी भेजी गयी है. आॅनलाइन दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में अब तक कुल 99 लाख 39 हजार 435 आवेदन प्राप्त हुए हैं. इनमें 36 लाख 33 हजार 803 आवेदनों की अस्वीकृत कर दिया गया.
जो वाद पहले दायर होंगे, उसका निबटारा
पहले राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता का कहना है कि आॅनलाइन दाखिल-खारिज के अस्वीकृत मामलों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए फीफो यानी फस्ट इन फस्ट आउट प्रक्रिया अपनायी जा रही है. पहले आओ, पहले पाओ की व्यवस्था में जो वाद पहले दायर होंगे उसका निबटारा पहले होगा. अगर किसी कारण से किसी आवेदन को रोकना जरूरी हो, तो उसका कारण बताना होगा. प्रत्येक वाद केस को लंबित रखने का एक-एक दिन का हिसाब देना होगा. आलोक कुमार मेहता ने कहा कि पूरे बिहार से शिकायत आ रही थी कि म्यूटेशन में अंचलकर्मियों द्वारा मनमानी की जा रही है. राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव जय सिंह ने सभी समाहर्ता को पत्र में स्पष्ट किया है कि दाखिल- खारिज के आवेदनों को बिना स्पष्ट कारण अस्वीकृत नहीं होंगे.