सासाराम के सोन नहर से सात दिनों की मशक्कत के बाद पकड़े गये घड़ियाल को बेतिया भेज दिया गया. गंडक नदी में इसे छोड़ा जायेगा. डीएफओ मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि रेस्क्यू किया गया घड़ियाल नर है और उसकी लंबाई 17 फुट है. इसको सुरक्षित बेतिया तक ले जाने के लिए एक दिशा-निर्देश तैयार किया गया है. उसी के तहत चीफ वाइल्ड लाइफ वाटर ऑफिसर की देखरेख में एक टीम तैयार की गयी है, जो घड़ियाल को बेतिया तक ले जायेगी.
घड़ियाल को ट्रक के माध्यम से बेतिया तक ले जाया जा रहा है. इसके लिए एक 20 फुट का लकड़ी का बॉक्स बनाया गया है. यह घड़ियाल बिहार-झारखंड के बॉर्डर पर सोन नदी से बहकर कैनाल तक पहुंचा था. इस घडियाल को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ी. रेस्क्यू के लिए 40 से अधिक मछुआरों की टीम लगी थी. आसपास के गांवों के लोगों की शोर से घड़ियाल पानी में अंदर ही जाता जा रहा था.
इस घड़ियाल पर पहले से ही ट्रैकिंग डिवाइस लगा हुआ है. इसकी हरकतों को मॉनिटर करने के लिए वन विभाग की टीम द्वारा वेरी हाइ फ्रीक्वेंसी डिवाइस (वीएचएफ) लगाया गया है. डीएफओ ने बताया कि इस डिवाइस को किस वन्य प्राणी विभाग द्वारा लगाया गया है. लेकिन, अभी तक किसी ने भी इसके बारे में कोई सूचना नहीं मांगी है और न हमें अभी जानकारी है.
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डीएफओ ने कहा कि अगर यहां के अधिकारी संबंधित विभागों से पहले ही संपर्क करते, तो शायद यह घड़ियाल पहले ही पकड़ा जाता, क्योंकि इस डिवाइस से उसको ट्रैक किया जा सकता है. फिलहाल वह क्या कर रहा है और कहां है ये आसानी से पता चल जाता है.
बता दें कि नासरीगंज प्रखंड के सैयद बिगहा गांव के समीप आरा-कैनाल नहर में वन विभाग की टीम ने बुधवार की शाम को घड़ियाल को पकड़ा है. घड़ियाल को पकड़ने के लिए नहर में जाल बिछाया गया. दोपहर से ही कर्मी जद्दोजहद में रहे और शाम करीब साढ़े छह बजे घड़ियाल जाल में फंस सका. इस घड़ियाल को पहली बार डेहरी में गंगौली गांव के करीब नहर में 24 अगस्त को देखा गया था.
Posted By: Thakur Shaktilochan