13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार का एक गांव, जहां आजादी के 75 साल बाद किसी ने हासिल की सरकारी नौकरी, शिक्षक बने राकेश कुमार

बिहार का एक गांव ऐसा भी है जहां आजादी के बाद आजतक किसी ने सरकारी नौकरी हासिल नहीं की थी. गांव के राकेश कुमार पहले ऐसे व्यक्ति हैं जो अब सरकारी नौकरी हासिल कर चुके हैं. राकेश कुमार शिक्षक बने हैं.

Success Story Bihar: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जॉब के लिए तो अनेकों लोग दौड़ लगा रहे हैं लेकिन अगर किसी की पहली पसंद की बात की जाए तो वो सरकारी नौकरी ही होती है. सरकारी नौकरी के मामले में बिहार को काफी आगे माना जाता है. बिहार में सरकारी नौकरी लेने के लिए युवक/ युवतियां तमाम संघर्षों का सामना करते हैं और उसे हासिल करने तक नहीं थकते. लेकिन बिहार में आजादी के 75 साल के बाद भी एक गांव ऐसा है जहां आजतक किसी को भी सरकारी नौकरी नसीब में नहीं थी. लेकिन अब वो मिथक गांव के ही एक युवक ने नौकरी हासिल करके तोड़ी है.

सोहागपुर गांव में आजतक किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं!

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के कटरा प्रखंड के अंतर्गत एक गांव है सोहागपुर. इस गांव के बारे में जो हकीकत सामने आयी है उसे सुनकर आप चौंक जाएंगे. दरअसल मीडिया रिपोर्ट की मानें तो एक तरफ जहां देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है वहीं 75 साल पूरा होने के बाद भी इस गांव में आजतक किसी के पास सरकारी नौकरी नहीं थी. लोग इसकी चर्चा अलग-अलग तरीके से करते हैं लेकिन अब यह गांव चर्चे में है और वो भी सरकारी नौकरी को लेकर ही.

शिक्षक बनकर राकेश कुमार ने बनाया रिकॉर्ड

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरपुर के सोहागपुर गांव के निवासी राकेश कुमार ने सरकारी नौकरी लेकर जहां अपने नाम एक रिकॉर्ड बनाया है वहीं गांव के ऊपर लगा पुराना तमगा भी खत्म किया है. राकेश कुमार अब सरकारी शिक्षक बन गये हैं और उनकी पोस्टिंग मुजफ्फरपुर के जिले के तुर्की के प्राथमिक विद्यालय बरकुरवा में हो गयी है. राकेश कुमार की इस उपलब्धि से अब गांव के अन्य नौजवानों में उत्साह बढ़ेगा.

Also Read: Bihar Crime News: अररिया में घर में सोये वार्ड सदस्य की गला रेतकर हत्या, पुलिस ने एक आरोपित को उठाया
राजस्थान से बीएड के बाद बने शिक्षक

गांव के स्वर्गीय राम लाल चौधरी के पुत्र राकेश कुमार ने लगातार मेहनत और पूरी तैयारी के दम पर इस नौकरी को हासिल किया. इस दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा. पिता का हाथ सिर से हटने के बाद भी उन्होंने अपने गांव में ही प्राथमिक शिक्षा ली और उसके बाद M.Com की पढ़ाई दरभंगा के यूनिवर्सिटी से की. शिक्षक बनने का सपना लिये राकेश ने राजस्थान से B.Ed की परीक्षा पास और अब बिहार में शिक्षक बने. ग्रामीणों ने इस खुशी में मिठाइयां बांटी और एक दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाया.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें