19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार: 27 वर्षों तक MLA रहीं गायत्री देवी ने ली अंतिम सांस, अपने बेटे ने ही करा दिया था सियासी पारी का अंत

बिहार की पूर्व मंत्री गायत्री देवी का निधन रविवार को हो गया था. वो नवादा के गोविंदपुर से विधायक रहीं थी. उन्हें क्षेत्र में लोग 'देवी जी' ने नाम से जानते थे. गायत्री देवी के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी के साथ कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है.

बिहार की पूर्व मंत्री गायत्री देवी (Gayatri Devi) का निधन रविवार को हो गया था. वो नवादा के गोविंदपुर से विधायक रहीं थी. उन्हें क्षेत्र में लोग ‘देवी जी’ ने नाम से जानते थे. गायत्री देवी के निधन पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी (Awadh Bihari Chaudhary) के साथ कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है. बताया जा रहा है कि वो लंबे समय से बीमार थी. उन्होंने अंतिम सांस एक निजी अस्पताल में ली. देवी जी ने गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र की कमान अपने विधायक पति युगल किशोर यादव की मृत्यु के बाद जबरदस्त तरीके से संभाली. इसके बाद उन्होंने 27 वर्ष तक विधानसभा का प्रतिनिधित्व किया.

बेटे से हार गयीं थी चुनाव

गायत्री देवी का अपने इलाके में लोकप्रिय होने की वजह थी कि वो मगही में लोगों से संवाद करती थीं. विरोधियों को मगही में चित करने के साथ लोगों का दिल जीत लेती थीं. लोगों से उनका ऐसा जुड़ाव था कि कार्यकर्ताओं तक को नाम से बुलाती थी. इससे हर कार्यकर्ता भी उन्हें अपने दिल में पहला स्थान देता था. मगर, गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में उन्हें एक वक्त ऐसा भी देखना पड़ा जब उन्हें अपने बेटे कौशल यादव के हाथों मुंह की खानी पड़ी. बेटे ने मां को चुनाव में हराया, देश भर में अखबारों की हेडलाइन बनी थी. इसका गायत्री देवी के मन पर बड़ा असर पड़ा. उन्होंने सीधे राजनीति से संन्यास ले लिया.

Also Read: पटना मेट्रो रेल:36 किमी होगा जमीन के अंदर का सफर, किराया-रूट प्लान और उद्घाटन की तिथि को लेकर जानें बड़ा अपडेट
1970 में पहली बार राजनीति में रखा था कदम

गोविंदपुर विधानसभा में 1967 में पहली बार चुनाव हुआ. दो साल बाद ही, यहां फिर से चुनाव हुए. इस चुनाव में कांग्रेस के टिकट से युगल किशोर सिंह यादव की एंट्री हुई. युगल किशोर मुख्यमंत्री दरोगा प्रसाद राय की सरकार में मंत्री भी बने. फिर उनकी असमय मृत्यु के बाद 1970 में गायत्री देवी ने विधानसभा उप चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़कर बड़ी जीत हासिल की. उसके बाद 1990 तक लगातार इस सीट पर वो विरोधियों को धूल चटाती रहीं. राजनीति से दूरी बनाने के बाद वो अपने छोटे बेटे विधानचंद्र राय के साथ रहती थीं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें