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बिहार के मगध और बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय का करोड़ों का अनुदान फंसा, जानें पूरी बात

बिहार के दो बड़े विश्वविद्यालय मगध और बीआर आंबेडकर ने रूसा वन व टू के त्यात मिली राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किया है. लिहाजा इन्हें 10-10 करोड़ की दूसरी किस्त नहीं मिल सकी. यही हालात रहे तो इन दाेनों विश्वविद्यालयों को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत राशि नहीं मिल पायेगी.

राजदेव पांडेय ,पटना. मगध और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय ने केंद्रीय एजेंसी रूसा से मिली करोड़ों की अनुदान राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दिये हैं. लिहाजा दोनों विश्वविद्यालयों का रूसा वन और टू का शेष रह गया करोड़ों का अनुदान रोक दिया गया है. साथ ही रूसा थ्री (बदला हुआ नाम प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान ) में मिलने वाली संभावित करोड़ों की राशि मिलने पर खतरा खड़ा हो गया है. बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद इस संबंध में जल्दी ही आधिकारिक निर्णय लेने जा रहा है.

लड़खड़ा सकती है आधारभूत संरचना

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मगध और बीआर आंबेडकर के लिए रूसा वन व टू में 20 करोड़ की अनुदान राशि मंजूर की गयी थी. मगध को इसमें 10 करोड़ की राशि दी गयी. इसमें से उसने छह करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र अभी तक जमा नहीं किये हैं. इसी तरह बीआर आंबेडकर ने मंजूर 10 करोड़ में से चार करोड़ के उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं जमा किये. लिहाजा इन्हें 10-10 करोड़ की दूसरी किस्त नहीं मिल सकी. यही हालात रहे तो इन दाेनों विश्वविद्यालयों को प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के तहत राशि नहीं मिल पायेगी. इससे इन विश्वविद्यालयों की आधारभूत संरचना पूरी तरह लड़खड़ा सकती है.

20 फीसदी उच्च शिक्षण संस्थाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित

जानकारी के मुताबिक राज्य के 20 फीसदी उच्च शिक्षण संस्थाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्र लंबित हैं. रूसा थ्री ( प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान ) में बिहार उच्च शिक्षण संस्थाओं को 300 से 400 करोड़ की राशि मिलना संभावित है. दरअसल यह राशि शिक्षण संस्थाओं के उपयोगिता प्रमाण पत्रों पर आधारित होती है. जबकि रूसा वन और रूसा टू में बिहार को कुल मिलाकर करीब 340 करोड़ रुपये दिये गये थे.

नये प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान के विशेष तथ्य

  • इस बार नैक संस्थाओ के अलावा जिनको नैक मान्यता नहीं है, उन्हें भी राशि मिलेगी.

  • सभी संस्थाओं के लिए इस बार अंक निर्धारित किय हैं, उसी के आधार पर राशि मिलेगी

  • इस बार बिहार के 19 जिलों के उच्च शिक्षण संस्थानों को ही मिलेगी केंद्रीय अनुदान राशि

  • नया अभियान वर्ष 2023 से वर्ष 2026 तक संचालित होगा.

बिहार को अच्छी राशि मिल सकती है

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान लांच हो गया है. बिहार में इसे बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद ही संचालित करेगी. इस बार बिहार को अच्छी राशि मिल सकती है. हालांकि मगध और भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय व एक दो अन्य संस्थाओं को राशि नहीं मिल पायेगी्, क्योंकि इन्होंंने करोड़ों की राशि के उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा नहीं किये हैं. आग्रह है कि जिन संस्थाओं ने यूसी राशि जमा नहीं की है, वे जल्दी जमा कर दें. -डॉ कामेश्वर झा, उपाध्यक्ष , बिहार राज्य उच्चतर शिक्षा परिषद बिहार

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