पटना. बिहार में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए डेंगू और मलेरिया से बचाव को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने गुरुवार को सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, सिविल सर्जनों और चार नगर निगमों के महापौरों के साथ समीक्षा बैठक की. स्वास्थ्य सचिव सह राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित रखें.
कार्यपालक निदेशक ने बताया कि पिछले साल भीषण गर्मी के दौरान बिहार में डेंगू से पीड़ित होने वालों की संख्या करीब 13 हजार पहुंच गयी थी. बिहार में डेंगू से प्रभावितों की यह सर्वाधिक संख्या थी. पिछले साल के अनुभव को देखते हुए सभी जिलों, नगर निगमों और मेडिकल कॉलेजों को इस दिशा में पहल करने को कहा गया है.
शहरी क्षेत्रों में डेंगू से बचाव को लेकर साफ-सफाई के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने को कहा गया है. साथ ही कूलर, एसी और फ्रीज में जमे पानी को लगातार साफ करने के बारे में लोगों को बताया जाना चाहिए. मच्छरों के प्रकोप को रोकने के लिए नियमित फॉगिंग की जानी चाहिए. सभी अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया की जांच की सुविधा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया. अस्पतालों को यह भी कहा गया कि वह पहले से ही डेंगू और मलेरिया के मरीजों के लिए बेड की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें.
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डेंगू बचाव के लिए सबसे पहले आसपास जलजमाव होने से रोकें.
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सभी पानी की टंकियों को ठीक से बंद होने वाले ढक्कनों से ढकें, जिससे मच्छर न पनपने पाएं.
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फूलदान, पौधों के बर्तन, फ्रिज की ट्रे, चिड़ियों के लिए या एकत्रित जल को हर सप्ताह बदलें.
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पूरी बांह के कपड़े पहने, सोते समय मच्छरदानी, मच्छर रोधी क्रीम या क्वायल का प्रयोग करें.
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घर के दरवाजों और खिड़कियों पर जाली लगवाएं. घर और आस पास अनावश्यक पानी का ठहराव नहीं होने दें. टूटे बर्तन, टायर और शीशी को खुला नहीं छोड़ें. बुखार होने पर स्वयं कोई दवा नहीं लें.