Indian Railways में रेलवे के निजीकरण के खिलाफ रेलकर्मी लांमबंद हो गये हैं. पूरे देश में जहां आंदोलन की लौ तेज हो गयी है. इसे लेकर कर्मचारियों ने बुधवार को पटना रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म एक पर भूख हड़ताल किया. हड़ताल का आवाह्न ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (AIRF) के द्वारा किया गया. यूनियन का कहना है कि अभी सांकेतिक रुप में 12 घंटे की हड़ताल की गयी है. अगर केंद्र सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो बड़ा आदोलन किया जाएगा. इसके कारण परिचालन में भी अगर किसी तरह की बाधा होती है तो उसके लिए रेलवे जिम्मेदार होगा. गौरतलब है कि कर्मचारी आज राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन कर रहे हैं.
ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन (ECRKU) से जुड़े कर्मचारी बुधवार की सुबह 9 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफार्म एक पर पहुंच गए. इसके बाद सुपरिटेंडेंट के ऑफिस के बाहर अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की. इसके साथ ही, वहां गेट के सामने भूख हड़ताल पर बैठ गए. इसके बाद अन्य यूनियनों को नेता भी इसमें शामिल हुए. बता दें कि भारतीय रेलवे के सभी 16 जोन से न्यू पेंशन स्कीम हटाने और पुराने पेंशन स्कीम लागू करने सहित कुल 16 मांगों के समर्थन में प्रदर्शन कर रही है.
आंदोलन में शामिल यूनियन के नेताओं ने कहा कि भारतीय रेलवे को निजीकरण और निगमीकरण की नीति से बचाने के लिए ही एआइआरएफ से जुड़े यूनियनों के द्वारा ‘रेल बचाओ-देश बचाओ’ संघर्ष समितियों का गठन किया गया है. सरकार अगर अपने फैसले से पीछे नहीं हटती है तो एआइआरएफ के बैनर तले देश में एक बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा. युनियन की मुख्य मांगों में नई पेंशन स्कीम बंदकर पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने, भारतीय रेल का निजीकरण और निगमीकरण बंद करने, सभी कैटेगरियों को समावेश करते हुए जीडीसीई की अधिसूचना शीघ्र जारी करने, रेलवे के सभी विभागों में सीधी भर्ती करने आरआरबी के दस प्रतिशत पदों को सभी विभागों के लिए एलडीजीई ओपन टू कॉल करके भराने आदि शामिल हैं.