Bihar Politics: जदयू विधायक गोपाल मंडल (Gopal Mandal Jdu) फिर एकबार अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में हैं. अपने बयानों को लेकर विवाद में घिरे रहने वाले भागलपुर के गोपालपुर से जदयू विधायक गोपाल मंडल ने विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कई सवालों के जवाब दिए. इस दौरान जब हाल में ही हथियार लेकर अस्पताल परिसर में उनके जाने वाले विवाद पर सवाल किए गए तो गोपाल मंडल ने बताया कि क्यों उन्हें अपने साथ हथियार लेकर चलना पड़ता है.
जदयू विधायक गोपाल मंडल ने शुक्रवार को विधानमंडल परिसर में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि वो अभी भी अपने साथ हथियार रखते हैं. खुद को लड़ाकू और फाइटर बताते हुए गोपाल मंडल ने अपने रिवॉल्वर का लाइसेंस कैंसिल होने से जुड़े सवाल पर कहा कि हमने जमा कर दिया है. लेकिन अभी भी हम दो नाल वाला बंदूक लेकर चलते हैं. सुरक्षाकर्मी तो बताते हैं कि ये विधायक हैं. लेकिन बम-गोला अगर चलेगा तो जबतक वो पोजिशन लेंगे, हम घोटल(गिर) जाएंगे. पर मेरे पास हथियार रहेगा तो टनाटन दे देंगे. गोपाल मंडल ने कहा कि हम फाइटर आदमी हैं. लड़ते-लड़ते हम जगह पर आए हैं. हम गरीब का बच्चा हैं और फाइटिंग देते-देते जगह पर आए हैं. हम क्रिमनल नहीं हैं. अपराधियों के विरोधी हैं.
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वहीं गोपाल मंडल ने दावा किया कि बिहार में कुशवाहा का कोई भी नेता वर्तमान में नही है. वहीं एक सवाल का जवाब देते हुए बोले कि भाजपा से जदयू के कोई नेता संपर्क में नही हैं. जीतनराम मांझी के विवाद पर गोपाल मंडल ने कहा कि जीतन राम मांझी को नीतीश कुमार का पांव छूने के बाद ही सदन में प्रवेश करना चाहिए. क्याेंकि जीतनराम मांझी को उन्होंने ही मुख्यमंत्री बनाया था. गोपाल मंडल बोले कि जीतन राम मांझी की अपनी कोई पहचान नहीं है.
गौरतलब है कि जदयू विधायक गोपाल मंडल आए दिन अपने बयान या किसी कारनामे को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. हाल में ही विधायक अपना सर्विस रिवॉल्वर लेकर सरकारी अस्पताल परिसर में पहुंच गए थे. विधायक के द्वारा हथियार लहराने का वीडियो तेजी से वायरल हुआ था. मामले ने तूल पकड़ा तो जिलाधिकारी ने इसे लेकर जांच के निर्देश दिए. जांच के बाद जब पुलिस ने अपनी रिपोर्ट सौंपी तो जदयू विधायक गोपाल मंडल का सर्विस रिवॉल्वर सीज कर लिया गया था. वहीं पटना में जब पत्रकारों ने गोपाल मंडल से रिवॉल्वर लहराने की वजह पूछा था तो विधायक भड़क गए थे. पत्रकारों को विधायक गोपाल मंडल ने आपत्तिजनक शब्द भी कह दिए थे जिसे लेकर काफी निंदा भी हुई थी.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का मामला भी इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल, बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में जातीय सर्वे की रिपोर्ट पेश की गयी. नौकरी व शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण सीमा बढ़ाये जाने के विधेयक पर गुरुवार को विधानसभा में चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री और हम के संरक्षक जीतन राम मांझी पर नाराज हो गये. सीएम नीतीश कुमार जीतनराम मांझी पर जमकर बरसे और उन्हें मुख्यमंत्री बनाने के फैसले को लेकर खुद को कोसा. यह विवाद अधिक गहरा गया और एनडीए ने इसे मुद्दा बना लिया. इसी मामले को लेकर गोपाल मंडल ने जीतनराम मांझी के लिए बयान दिया और बोले कि उन्हें नीतीश कुमार का पांव छूने के बाद ही सदन में प्रवेश करना चाहिए. गोपाल मंडल ने जीतनराम मांझी के सियासी कद को भी छोटा करार देने वाला बयान दिया. गौरतलब है कि बिहार विधानमंडल का शीतकालीन सत्र बेहद हंगामेदार रहा. सत्र के पहले दिन ही हंगामा शुरू हो चुका था जब वामदलों ने इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध को मुद्दा बनाया और गाजा-फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाजी की. जिसके बाद भाजपा वामदलों पर हमलावर हो गयी.