जदयू-राजद के बीच की खटास रामचरित मानस पर बिहार के शिक्षा मंत्री के दिए बयान के कारण बढ़ी हुई दिख रकही है. एक तरफ जहां शिक्षा मंत्री के बयान का राजद समर्थन कर रही है, वहीं जदयू ने खुलकर विरोध शुरू कर दिया है. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रामचरितमानस पर शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के बयान पर कहा की हमारी पार्टी संविधान के प्रति अटूट आस्था रखती है. यही इसे अन्य दलों से पृथक करती है. यही कारण है कि जदयू को पार्टी विद डिफरेंस के नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि हमारी विचारधारा संविधान के समर्थन में पूरे तौर पर सख्त है. जदयू चाहे किसी भी दल के साथ गठबंधन में हों, अपने मूलभूत सिद्धांत से कभी समझौता नहीं करता.
उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि जदयू धर्म एवं जाति की राजनीति नहीं करती. बल्कि संपूर्ण जमात की राजनीति करती है. हमारी पार्टी का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को न्याय उपलब्ध कराना और उन्हें सम्मान देते हुए विकास को सुनिश्चित करना है. हमारे नेता सीएम नीतीश कुमार के इसी गुण के कारण राष्ट्रीय स्तर पर उनकी एक अलग पहचान बनी है और वे राजनीतिक शुचिता के प्रतीक बन चुके हैं.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारी आस्था संविधान में वर्णित धर्मनिरपेक्षता में है. हमारी आस्था रामायण, महाभारत, कुरान शरीफ, बाइबल एवं गुरु ग्रंथ साहिब सभी में है एवं हम सभी धर्मावलंबियों के आस्था का सम्मान करते हैं. उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने 1984 में इस पूरे मामले में यह निर्देश दिया था की राजनीति को धर्म से पृथक रखा जाये. हम न्यायालय के इस आदेश के भी कठोरता से पालन के पक्षधर हैं और इस आदेश के पक्ष धर हैं.