बिहार के जहानाबाद में स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के निकट हथियारबंद अपराधियों ने सामाजिक कार्यकर्ता और ईदगाह कमेटी के सदस्य फिरोज आलम की गोली मारकर हत्या कर दी. फिरोज अपने एक मित्र मो सफी के साथ बाइक से नगर थाना जा रहे थे. मो सफी का कहना है कि उन्हें कुछ पता नहीं चला, अचानक चट की आवाज हुई और मो फिरोज बाइक को धीमा कर उसे गिरा दिया और खुद ही गिर गए. सभी ने बताया कि पहले तो मैं समझा कि बाइक का टायर उड़ा है, किंतु बाद में उनके सिर से खून बहता देख कुछ समझ में नहीं आया. इसी बीच उनकी बाइक के बगल से एक तेज गति से बाइक गुजरी. हालांकि वे नहीं देख पाया कि उस पर कौन था और कितने लोग सवार थे.
फिरोज शहर के शेखआलमचक मोहल्ले के निवासी थे. उसी मोहल्ले में एक परिवार में आपसी विवाद के कारण झगड़ा हुआ था जिसमें एक युवक को पकड़कर थाने ले जाया गया था. मो फिरोज उसी मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने के लिए थाने जा रहे थे. इसी बीच घटना घट गई. बाद में स्थानीय लोगों की मदद से तुरंत उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया. उनके सिर में गोली मारी गई है. हत्या के बाद पूरे शहर में सनसनी फैल गई. सामाजिक कार्यकर्ता होने के नाते सदर अस्पताल की ओर दौड़ पड़े. आक्रोशित लोगों ने सदर अस्पताल में हंगामा भी किया जिसके कारण चिकित्सक और नर्सों को वहां से हटना पड़ा. घटना की सूचना मिलने के बाद नगर थाना प्रभारी निखिल कुमार पुलिस बल के साथ सदर अस्पताल पहुंचे, उन्हें भी लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ा.
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पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है. घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी का फुटेज खंगालने की कार्रवाई की जा रही है. शहर में लायन आर्डर की व्यवस्था चरमरा गई है. शहर के लोक नगर मोहल्ले में अभी दो दिन पहले ही एक ठेकेदार की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस मामले को पुलिस अभी सुलझा भी नहीं पाई है कि एक नई हत्या पुलिस के सामने चुनौती पेश कर दी है. इधर लगातार बढ़ते आपराधिक वारदात और हत्या से शहरवासी दहशत में हैं.
फिरोज आलम की हत्या के बाद उसके समर्थक उग्र हो चुके हैं. सदर अस्पताल और सदर अस्पताल के गेट के पास हंगामा करने के बाद समर्थक उनके शव को लेकर ईदगाह के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 83 को जाम कर दिया है. रास्ते में जाते समय उन लोगों ने स्थानीय अरवल मोड़ के निकट बस का शीशा तोड़ दिया. ईदगाह के निकट से होकर किसी भी वाहन को गुजरने नहीं दे रहे हैं, वे लोग पुलिस प्रशासन की एक नहीं सुन रहे हैं. पुलिस भी उनका आक्रोश देख कर असमंजस की स्थिति में है. बताया जाता है कि मृतक फिरोज ईदगाह कमेटी के मेंबर भी थे.