जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने आज मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इस घटना को बिहार की सियासत में बड़े उलटफेर के रूप में देखा जा रहा है. ज्ञात हो कि 23 जून को विपक्षी पार्टियों की बड़ी बैठक होने वाली है, उससे पहले संतोष सुमन का इस्तीफा बड़े संकेत दे रहा है. बता दें कि आज सुबह करीब 11 बजे जीतन राम मांझी विजय चौधरी से मिलने के लिए गए थे. उनके साथ डॉ संतोष कुमार सुमन भी थे. उन्होंने विजय चौधरी से मुलाकात के बाद उन्हें इस्तीफा सौंप दिया. जीतन राम मांझी पिछले कुछ दिनों से नाराज चल रहे थे. उन्हें 23 जून को होने वाली बैठक में शामिल होने का निमंत्रण नहीं दिया गया था. इसके साथ ही, काफी लंबे समय से मांझी के एनडीए में शामिल होने की अटकलें लगायी जा रही थी.
बिहार सरकार में खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री लेशी सिंह ने संतोष सुमन के इस्तीफे को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने साफ कहा कि किसी के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं, वृषण पटेल ने कहा कि मांझी परिवार के लिए ज्यादा चिंतित रहते हैं. ताक़त के हिसाब से हिस्सेदारी मांगी जाती है. वृषण पटेल ने जीतन राम मांझी पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश तोड़ने वालों के साथ मांझी जी जा रहे हैं. इससे उनका ही नुकसान होने वाला है.
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संतोष सुमन मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष है. इसके साथ ही, वो बिहार सरकार में अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण मंत्री थे. बड़ी बात ये है कि इस्तीफा ऐसे वक्त हुआ है जब देश में विपक्षी एकता को लेकर बैठक का आयोजन किया जा रहा है. इसके साथ ही, जीतन राम मांझी ने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की. हालांकि, इस्तीफे से बिहार की सियासी हलचल तेज हो गयी है. नीतीश कुमार के आवास पर आला मंत्रियों की बैठक बुलायी गयी है.