हिंन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के वरिष्ठ नेता पूर्व सीएम जीतन राम मांझी आज महागठबंधन से अपना समर्थन वापस ले सकते हैं. बताया जा रहा है कि उन्होंने रविवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को पत्र भेजा है. इसमें सोमवार को मिलने का समय मांगा गया है. वे सोमवार को महागठबंधन से समर्थन वापसी का पत्र सौंप गवर्नर को सकते हैं. इस दौरान मांझी समेत पार्टी के चारों विधायक और हाल ही में मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विधान पार्षद संतोष सुमन भी उपस्थित रहेंगे. इधर, 19 मई को पार्टी कार्यालय में हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गयी है. बैठक के बाद पूर्व सीएम मांझी व पूर्व मंत्री संतोष सुमन दिल्ली रवाना हो जायेंगे. गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दोनों की मुलाकात संभावित है.
पूर्व मंत्री व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संतोष सुमन ने कहा कि हमलोग महागठबंधन में रहना चाह रहे थे. मगर अब हमलोग जहां भी रहेंगे, सड़क पर संघर्ष करेंगे. गरीब संपर्क यात्रा से भी सरकार घबरा गयी थी. लोकतंत्र में पार्टियों को दुकान कहना ओछी बात है. नीतीश कुमार के जासूसी वाली बात का जवाब देते हुए संतोष सुमन ने कहा कि जहां अविश्वास हो जाए तो इस तरह की बात होती है. वो हमपर दवाब बना रहे थे कि हिंन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय कर दिया जाए. हम हमारे कार्यकर्ता और पार्टी के सदस्य इसके लिए तैयार नहीं थे. ऐसे में उनके साथ हमारा भी रहना संभव नहीं था.
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बता दें कि इससे पहले हम के मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता श्याम सुन्दर शरण ने नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव पर सीधा हमला किया है. उन्होंने कहा कि वो लोग लोग पढ़े-लिखे दलित और अति पिछड़ा वर्ग के नौजवान को पसंद नहीं करते हैं. उनको ऐसा व्यक्ति चाहिए जो उनका पैर छूता हो. इनलोगों ने साजिश के तहत संतोष मांझी का नेतृत्व पनप ना सके इसके लिए हम पार्टी को खत्म करने का प्लान बना लिया.