Bihar News: खगड़िया के सरकारी अस्पतालों में निजी संस्था/एनजीओ द्वारा शिविर में बंध्याकरण के दौरान जिंदगी के साथ खिलवाड़ का मामला तूल पकड़ लिया है. अधिकारियों की फटकार के बाद सिविल सर्जन डॉ अमरनाथ झा, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ मनीष कुमार सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अलौली स्थित शिकायतकर्ता लाभुक महिला कुमारी प्रतिमा के घर पर जाकर पूछताछ की. जहां सीएस के सामने भी महिला ने आरोपों को दोहराया.
इधर, पूरे मामले में अलौली प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनीष कुमार ने सीएस को जांच रिपोर्ट सौंप दिया है. जांच रिपोर्ट में अलौली अस्पताल में बंध्याकरण करने वाले एनजीओ ग्लोबल डेवलपमेंट इनिसिएटिव (दरभंगा) की लापरवाही उजागर हुई है. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने एनजीओ द्वारा बंध्याकरण करने पर रोक लगा दी गयी है. इधर, जनप्रतिनिधियों समेत आमलोगों ने एनजीओ पर विधि सम्मत कार्रवाई की मांग तेज कर दी है.
बता दें कि अलौली अस्पताल में बंध्याकरण शिविर में एनजीओ की लापरवाही की खबर प्रमुखता से प्रकाशित होने के बाद ही स्वास्थ्य विभाग की नींद खुली और जांच शुरू हुई. बता दें कि एक महिला के बंध्याकरण पर संस्था को सरकार 2170 रुपये का भुगतान करती है. कहा जाता है कि ज्यादा संख्या बढ़ाने के लिए सरकारी प्रावधान व मापदंड को ताक पर रख कर महिलाओं के साथ भेड़ बकरियों की तरह व्यवहार करते हुए बंध्याकरण कर जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा था.
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ऑपरेशन के दौरान हुई परेशानी सहित लापरवाही का आरोप मीडिया में तूल पकड़ने के बाद सिविल सर्जन सहित स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पर आइ थी. जहां अधिकारियों के सामने एनजीओ की लापरवाही व मनमानी की पोल खोलते हुए आरोप को दोहराया है. सीएस ने विधि सम्मत कार्रवाई की भरोसा दिलाया है.
कुमारी प्रतिमा, शिकायतकर्ता लाभार्थी
अलौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बंध्याकरण ऑपरेशन शिविर में एनजीओ पर लापरवाही व मनमानी के लगे आरोपों की जांच के लिए लाभुक महिला के घर पर जाकर पूछताछ की गयी है. एनजीओ को ऑपरेशन करने पर रोक लगा दी गयी है. जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषियों पर कार्रवाई की जायेगी.
डॉ अमरनाथ झा, सिविल सर्जन
Posted By: Thakur Shaktilochan