Bihar News: किडनी कैंसर के इलाज के लिए कई कारगर उपाय होते है. बिहार के पटना में रहने वाले डॉक्टर राजेश रंजन बताते है कि बीमारी पर सफलता प्राप्त करना संभव होता है. बीमारी को जल्दी पकड़ना हमेशा अच्छा साबित होता है. चिकित्सक बताते है कि किडनी के कैंसर के इलाज के लिए विभिन्न स्तरों पर कारगर उपाय हैं. नियमित जांच, अच्छी जीवनशैली और डॉक्टर के सुझावों से कैंसर से लड़ना मुश्किल नहीं रह जाता है. कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिसमें समय से जांच कराना और इसपर उचित कदम उठाना बहुत महत्वपूर्ण है. जब कैंसर के लक्षण प्रारंभ होते हैं, तो उपयुक्त चिकित्सा देखभाल और इलाज के साथ कई मामलों में यह बीमारी पूरी तरह से ठीक हो सकती है. यदि हम कैंसर के खिलाफ सख्ती से लड़ते हैं और इसे समय पर पकड़ लेते हैं तो हम इस खतरनाक बीमारी को समाप्त करने में सफलता प्राप्त कर सकते हैं. इस खतरनाक बिमारी से सफलता प्राप्त कर पाना संभव है. यूरोलॉजिस्ट डॉ. राजेश रंजन आगे कहते है कि किडनी के कैंसर के मामलों में किये जाने वाले उपचारों में पार्सियल नेफ्रेक्टोमी, रेडिकल नेफ्रेक्टोमी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और टारगेट थेरेपी शामिल होते हैं. कैंसर के अलग -अलग स्टेज में जरूरत के हिसाब से इन उपचारों का इस्तेमाल किया जाता है.
चिकित्सक बताते है कि किडनी के कैंसर के खिलाफ बचाव में समय पर जांच, बढ़िया जीवनशैली और डॉक्टर के सुझावों का पालन करना महत्वपूर्ण है. वहीं, यदि किडनी के कैंसर के लक्षण शुरुआत में पहचान में आ जाते हैं, तो इसका इलाज संभव है. साथ ही जिम्मेदारी से कार्य करने से मरीज के जीवन को भी बचाया जा सकता है. डॉ. राजेश रंजन ने बताया कि पटना में किडनी के कैंसर के लिए इलाज में वह लगातार प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने अपने काम से मरीजों का काफी भरोसा जीता है. लैप्रोस्कोपी के जरिए कई तरह की बीमारियों की सर्जरी आसानी से वह कर रहे है और मरीजों को इससे काफी फायदा मिल रहा है.
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मालूम हो कि बीमारियों में कैंसर दुनियाभर में होने वाली मौत का एक बड़ा कारण होता है. हर साल तमाम प्रकार के कैंसर के कारण लाखों लोगों की मौत हो जाती है. कई चिकित्सक बताते है कि कैंसर के अधिक खतरनाक और जानलेवा होने का एक प्रमुख कारण इसका समय पर पता नहीं चल पाना होता है. वहीं, अगर समय पर इस बीमारी के बारे में पता लगा लिया जाए तो चिकित्सक इस बीमारी के ठीक होने का भरोसा देते है. किडनी में कैंसर होने एक बड़ा जोखिम भी माना जाता है. गंभीर रूप लेने से पहले ही इसके लक्षण की पहचान करना अच्छा होता है. बताया जाता है कि शुरुआत के दिनों में ही इसके लक्षण आसानी से देखे जा सकते हैं. यह पकड़ में आ जाते है.
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बीमारी के सही लक्षण और इसे सही समय पर पकड़ लेना बेहद अच्छा होता है. इससे इलाज में आसानी होती है. किडनी कैंसर के लक्षण की बात करें तो पेशाब का रंग गुलाबी, लाल या काला रंग दिखाई देना, भूख में कमी, अस्पष्टीकृत रूप से वजन घटने की समस्या, थकान-बुखार, टखनों और पैरों में सूजन, बार-बार बुखार आने की समस्या आदि इसके लक्षण होते है. समय के साथ यह परेशानी बढ़ते ही जाती है. शुरुआती चरण में इसके लक्षणों को पहचानना ही आसान नहीं होता है. समय के साथ यह बढ़ता है. किडनी के कैंसर के लक्षणों को पहचानना बहुत जरुरी है. चिकित्सक की सही सलाह लेना भी बेहद जरुरी है.