KK Pathak News: बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक गुरुवार को सीमांचल के दौरे पर थे. पूर्णिया और अररिया में उन्होंने कई स्कूलों का निरीक्षण किया. इस दौरान कई स्कूलों में तो केके पाठक संतुष्ट दिखे लेकिन कई जगहों पर कुछ चीजों में सुधार का भी उन्होंने निर्देश दिया. पूर्णिया में उन्होंने एक स्कूल परिसर में बन रहे भवन का निर्माण कार्य रोकने का आदेश दिया. जबकि सुपौल में स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण किए गए दुकानों पर बुल्डोजर चलाने का आदेश दे दिया.
बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक बुधवार देर रात को सुपौल के रास्ते पूर्णिया पहुंचे थे. यहां सर्किट हाउस के बदले के के पाठक रात्रि विश्राम के लिए एक होटल में ठहरे. वहीं सुबह स्कूलों के निरीक्षण पर निकले. पूर्णिया के बाद उन्होंने अररिया के स्कूलों का निरीक्षण किया. अररिया में विभिन्न सरकारी स्कूलों का निरीक्षण किया. इस दौरान केके पाठक ने राजकीयकृत उच्च विद्यालय का भी दोपहर बाद निरीक्षण किया. उन्होंने जिले के चार स्कूलों का निरीक्षण किया. केके पाठक के आने की सूचना से शिक्षकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों के बीच हड़कंप मचा रहा. साथ ही सभी शिक्षक शिक्षिकाएं अपने अपने ड्रेस कोड में मौजूद दिखे.
विद्यालय में स्कूल प्रशासन द्वारा बच्चों की उपस्थिति भी कुछ हद तक सही दिखायी गयी. अपर मुख्य सचिव का गुरुवार को अपने तय समय से करीब 20 मिनट पहले ही पूर्णिया से अररिया आगमन हो गया. इसके बाद उन्होंने अपराह्न में सबसे पहले उच्च मध्य विद्यालय गैयारी (एससी) पहुंचकर निरीक्षण शुरू किया. जहां स्कूल में पहुंचकर उन्होंने सबसे पहले बच्चों से मिलना पसंद किया. उपस्थित बच्चों ने उनको देखने के साथ ही एक स्वर में अभिवादन किया. साथ ही अन्य स्कूलों में अभिवादन गान भी गया. वहीं उन्होंने बच्चों से पठन-पाठन के बारे में जानकारी लिया. साथ ही बच्चों की कॉपी को भी चेक किया.
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इसके बाद केके पाठक अपने काफिले के साथ गैयारी स्थित कन्या प्राथमिक विद्यालय निरीक्षण के लिए पहुंचे. जैसे ही बच्चों ने उन्हें देखकर स्वागत गान गाया, केके पाठक के चेहरे पर मुस्कुराहट दिखने लगी. इसके बाद उन्होंने बच्चों की हौसला अफजाई करते हुए पठन पाठन से जुड़े सवाल किए. मौजूद शिक्षक-शिक्षिकाओं से पढ़ाई से जुड़े सवाल भी के के पाठक ने पूछे. मौजूद अधिकारी को दिशा-निर्देश दिए. शौचालय का हाल देखने भी गए और उसके बाद छोटे आकार के रसोई घर को देखकर मौजूद डीएम व डीईओ को निर्देश दिया कि इसे बड़ा बनाया जाए. उन्होंने स्कूल की चहारदीवारी को भी ऊंचे करने के आदेश दिए.
अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए हुए रानीगंज रोड स्थित मध्य विद्यालय रहिका टोल दक्षिण पहुंचकर उन्होंने जायजा लेना शुरू किया. यहां बच्चों की उपस्थिति देखकर केके पाठक गदगद हुए. उन्होंने सबसे पहले प्रधानाध्यापिका गौरी शर्मा से करीब 5 मिनट सबकी उपस्थिति को लेकर बातचीत की और दिशा निर्देश दिए. इसके बाद विद्यालय का निरीक्षण शुरू किया. निरीक्षण के दौरान पहली मंजिल पर मौजूद उन्नयन क्लास का जायजा लिया. जहां मौजूद शिक्षक शिक्षिका से डिजिटल स्क्रीन के बारे में विस्तृत जानकारी ली. कंप्यूटर क्लास को नियमित रूप से चलाने का निर्देश दिया.
सारी जानकारी लेने के बाद जब प्रधानाध्यापिका गौरी शर्मा के कार्यालय पहुंचे तो उन्होंने विद्यालय प्रधानाध्यापिका के समक्ष उनके कुर्सी पर बैठने से मना किया. वहीं पड़े अलग कुर्सी पर सभी पदाधिकारी बैठे. कुछ देर के बाद वहां से निकलने के बाद चांदनी चौक स्थित राजकीयकृत उच्च विद्यालय पहुंचे. जहां छात्रों के लैब, क्लासरूम, स्मार्ट क्लास मैदान, शौचालय का जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने मौजूद जिला प्रशासन को निर्देश देते हुए कहा कि विद्यालय के भूमि पर जो दुकानदार अतिक्रमण करके अवैध तरीके से दुकान बनाए हुए हैं. सबको बुलडोजर से तोड़ा जाए. इस निर्देश की लोगों ने भी सराहना की. वहीं मैदान में खेल कूद को लेकर विकसित करने को कहा.
उधर, पूर्णिया के कलानंद उच्च विद्यालय के निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने विद्यालय में शिक्षकों के लिए बनाये गये दो कक्ष पर सवाल उठाते हुए कहा कि सारे शिक्षक एक ही कक्ष में रह सकते हैं. उन्होंने जिलाधिकारी को दूसरे कक्ष को पोषक क्षेत्र के भवनविहीन आंगनबाड़ी केंद्र को शिफ्ट करवाने का आदेश दिया. साथ ही साथ विद्यालय परिसर में आदेशपाल के लिए बने कच्चे मकान को तोड़ने का आदेश दिया . इनके अलावा विद्यालय में नये साइकिल स्टैंड बनाने का भी निर्देश दिया .कलानंद उच्च विद्यालय के निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने जर्जर पड़े भवन को तोड़ने का आदेश दिया ताकि विद्यालय में खेल मैदान बनाया जा सके. साथ ही विद्यालय परिसर में ही बना रहे नये भवन के निर्माण को भी रोकने का आदेश दिया. अपर मुख्य सचिव ने कहा कि नामंकित छात्र-छात्राओं की संख्या को देखते हुए पूर्व में बने भवन ही काफी है.