Lalu Yadav Birthday: राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव बिहार के उन नेताओं में शामिल हैं, जिनकी पहचान देश तक सीमित नहीं है. जेपी के आंदोलन से बिहार में कई नेताओं का उदय हुआ. इसमें बिहार के वर्तमान सीएम नीतीश कुमार, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, पटना साहिब से लोकसभा सदस्य रविशंकर प्रसाद, आदि के साथ लालू यादव भी शामिल हैं. 90 के दशक में उत्तर भारत में दो बड़े नेता माने जाते थे, लालू यादव और मुलायम सिंह यादव. मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. जबकि, लालू यादव बिहार पर राज कर रहे थे. आकार में यूपी से छोटा होने के बाद भी बिहार के सीएम लोगों को ज्यादा अपील करते थे. आइये जानते हैं लालू यादव के जीवन से जुड़ी दस बड़ी बातें-
1.लालू यादव का जन्म एक गरीब यादव परिवार में हुआ था. इन्होंने स्कूली शिक्षा गांव के स्कूल से ही पूरी की और फिर पटना के बीएन कॉलेज से एमए की डिग्री ली. इन्होंने कानून में स्नातक भी किया है.
2. जयप्रकाश नारायण के आंदोलन में लालू यादव की महत्वपूर्ण भुमिका रही. वे छात्र नेता रहे और 1977 में आपातकाल के बाद लोकसभा चुनाव जीते. पहली बार 29 साल की उम्र में लालू यादव लोकसभा पहुंचे थे और वे उस समय के सबसे युवा सांसद में से एक थे. वे सत्येंद्र नारायण सिन्हा के काफी करीबी रहे थे. 1980 से 1989 तक वे दो बार विधानसभा के सदस्य रहे और विपक्ष के नेता पद पर भी रहे.
3. 1990 में जब जनता दल की सरकार बनी तो प्रधानमंत्री वीपी सिंह राम सुंदर दास को मुख्यमंत्री बनना चाहते थे, जबकि चंद्रशेखर रघुनाथ झा को. ऐसे में उप प्रधानमंत्री लालू यादव को सीएम उम्मीदवार के रूप में नियुक्त किया.
4. लालू यादव के राजनीतिक जीवन की प्रमुख घटनाओं में से एक है भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी की गिरफ्तारी. अयोध्या राममंदिर के मुद्दे को लेकर 1990 में आडवाणी ने एक रथयात्रा सोमनाथ से निकाली थी, इस रथयात्रा को बिहार के समस्तीपुर में रोक दिया गया था और लालू यादव के आदेश पर लाल कृष्ण आडवाणी गिरफ्तार कर लिये गये थे.
5. लालू यादव 1990 से 1997 तक बिहार के मुख्यमंत्री रहे, चारा घोटाला में जब उन्हें 1997 में जेल जाना पड़ा तो उन्होंने अपनी पत्नी राबड़ी देवी को मुख्यमंत्री बना दिया. राबड़ी प्योर नॉन पॉलिटिकल हाउस वाइफ थी. ऐसे में उन्हें सीएम बनाने की काफी आलोचना भी हुई.
6. लालू यादव ने स्कूली शिक्षा में अंग्रेजी को फिर से स्थापित किया था, जबकि कर्पूरी ठाकुर ने स्कूली शिक्षा में अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया था.
7. मधेपुरा से लोकसभा चुनाव जीतकर वे पहली संसद पहुंचे थे. जबकि 2002 में वे राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए थे.
8. वर्ष 2004 में यूपीए सरकार में राजद की हैसियत बहुत बड़ी थी और वह यूपीए की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी थी. उस वक्त उनके 21 सांसद थे और वे पहली बार रेलमंत्री बने थे.
9.चारा घोटाला मामले में वर्ष 2013 में उन्हें सजा हो गयी, जिसके बाद उनकी लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो गयी.
10. 1994 में लालू यादव और नीतीश कुमार के रास्ते अलग हो गये थे और वे दोनों एक दूसरे के धुर विरोधी हो गये थे, लेकिन वर्ष 2015 में लालू यादव और नीतीश कुमार फिर एकसाथ आये और बिहार में महागठबंधन बना चुनाव जीता. हालांकि बाद में यह गठबंधन टूट गया.