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Bihar Startup Policy: बिजनेस आइडिया है तो उठाएं बिहार सरकार की इस योजना का लाभ, बिना ब्याज के मिलेगा लोन

बिहार देश के उन राज्यों में से एक है जो स्टार्टअप नीति के माध्यम से उद्यमियों को समर्थन प्रदान कर रहा है. इस लेख में हम बिहार स्टार्टअप पॉलिसी के बारे में विस्तृत चर्चा करेंगे और यह कैसे उद्यमियों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत है. जानिए कैसे आप बिहार सरकार की स्टार्टअप योजना का लाभ ले सकते हैं.

Bihar Startup Policy: स्टार्टअप्स ने भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण रोल अदा किया है, और इन्हें देश के विकास के लिए एक नई दिशा प्रदान किया है. इन उद्यमियों के माध्यम से नए नए विचार और उत्पादों का विकास हो रहा है, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं और अर्थव्यवस्था में सकारात्मक परिवर्तन हो रहा है. भारत सरकार ने इस दिशा में कई नीतियों को प्रोत्साहित किया है, जिससे स्टार्टअप्स को समर्थन और नेतृत्व मिला है. ऐसे में बिहार सरकार ने भी युवा उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए ‘बिहार स्टार्ट-अप पॉलिसी’ बनाई है. इसके तहत राज्य सरकार स्टार्ट- अप शुरू करने के लिए बिना ब्याज के लोन दे रही है.

इस लिंक से करें ऑनलाइन आवेदन

स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करने के लिए बिहार स्टार्ट- अप योजना की शुरुआत 2022 में की गई थी. इस योजना के तहत स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता, विशेष बनाए गए कर, और विभिन्न सेवाएं प्रदान की जाती हैं. इस योजना के शुरू होने से राज्य में उद्यमियों को एक सकारात्मक माहौल मिला है. स्टार्टअप के तहत प्रोत्साहन योजनाओं का लाभ लेने के लिए स्टार्टअप पोर्टल भी शुरू किया गया है. ऐसे उद्यमी जो इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं वो https://startup.bihar.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. वहीं, इससे संबंधित विशेष जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 18003456214 पर भी संपर्क किया जा सकता है.

स्टार्ट-अप योजना के तहत मिलने वाले लाभ

  • बिहार स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत उद्यमियों को सीड फंड के रूप में 10 साल के लिए 10 लाख रुपये बिना किसी ब्याज के दिए जाने का प्रावधान है. इसके साथ ही सीड फंडिंग के बाद अगर स्टार्ट-अप के विकास या उसकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए ट्रेनिंग व मार्केटिंग में मदद के लिए भी आवश्यक प्रावधान है.

  • योजना के तहत महिला उद्यमी स्टार्ट-अप के लिए सीड फंड के रूप में 5 प्रतिशत जबकि SC/ST और दिव्यांगों को 15 फीसदी ज्यादा रकम मिलेगी. इंक्यूवेशन सेंटर्स द्वारा स्टार्टअप्स को 2 लाख रुपये तक का प्रावधान है.

  • एक्सिलेशन प्रोग्राम में भागीदार के लिए 3 लाख रुपये तक के अनुदान का प्रावधान.

  • ऐन्जल इन्वेस्टर्स से निवेश प्राप्त होने पर निवेश का दो प्रतिशत सफलता शुल्क दिया जाएगा

  • स्टार्ट-अप कंपनी को SEBI से रजिस्टर्ड category-I AIFs तथा ऐन्जल समूह से फंड प्राप्त होने पर अतिरिक्त फंड के रूप में बिहार स्टार्ट-अप फंड ट्रस्ट से मैचिंग लोन दिए जाने का प्रावधान है.

स्टार्ट-अप पॉलिसी के तहत मिलने वाली कॉमन फ़ैसिलिटी

  • इस योजना के लाभार्थियों को मिलेगा को-वर्किंग स्पेस

  • कॉमन रिसर्च और विकास लैब, कांफ्रेंस रूम इत्यादि दिए जाने का भी प्रावधान

  • हाई एंड प्रिंटर, सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर इत्यादि की सुविधा भी कराई जाएगी उपलब्ध

  • कॉमन टेस्टिंग लैब और टूल रूम की सुविधा भी मिलेगी

  • विधि, लेखा, टेक्नोलॉजी पेटेंट, निवेश एवं बैंकिंग की सामान्य सुविधा

  • स्टार्ट-अप और इनक्यूवेशन के लिए कम्युनिटी, इवेंट तथा प्रोमोशनल सपोर्ट भी मिलेगा

  • गोदाम, संग्रहण केंद्र तथा क्वालिटी एशयोरेंस लैब की सुविधा भी दी जाएगी

पात्रता की शर्ते

  • योजना के तहत पात्र होने के लिए उद्यम 10 वर्षों से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए

  • उद्यम का टर्न ओवर किसी भी वर्ष में 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं हो

  • उद्यम प्रोडक्ट, प्रक्रिया अथवा सेवा के विकास, आविष्कार या सुधार से संबंधित हो अथवा रोजगार सृजन या आर्थिक संपदा निर्माण की उच्च मापनीय क्षमता वाला हो

  • स्टार्ट-अप का निबंधन व कार्यालय बिहार में होना चाहिए

  • कंपनी की गतिविधियों पर लागू कर का भुगतान बिहार में होना चाहिए

  • पुरानी कंपनी की पूर्णसंरचना अथवा विभाजन से निर्मित कंपनी को स्टार्ट-अप के रूप में विचार नहीं किया जाएगा.

बिहार स्टार्टअप नीति के मुख्य उद्देश्य

  • स्टार्टअप अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना : बिहार स्टार्टअप नीति के अन्तर्गत, स्टार्टअप अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जाती हैं. यह उद्यमियों को नई और नवाचारी विचारों का समर्थन करता है और उन्हें नए और उन्नत उत्पाद विकसित करने के लिए प्रेरित करता है.

  • वित्तीय समर्थन : स्टार्टअप्स को वित्तीय समर्थन की आवश्यकता होती है ताकि वे अपने विचारों को वास्तविकता में बदल सकें. इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए बिहार सरकार ने विभिन्न वित्तीय संस्थानों व बैंकों के साथ सहयोग किया है जो स्टार्टअप्स को ऋण या आवश्यक अनुदान प्रदान करते हैं.

  • रोजगार के अवसर : स्टार्टअप्स के विकास से न केवल विभिन्न उद्योगों में नए उत्पाद और सेवाएं उत्पन्न होती हैं, बल्कि यह रोजगार के विभिन्न अवसर भी पैदा करता है. बिहार स्टार्टअप नीति रोजगार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करती है और राज्य के रोजगार की समस्या को कम करने में भी मदद करती है.

  • अनुसंधान और उत्पादन के लिए संरचना : स्टार्टअप्स को उनके विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए उन्हें उचित अनुसंधान और उत्पादन के लिए संरचना की आवश्यकता होती है. बिहार सरकार ने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए कई उचित लैबों और उत्पादन सुविधाओं को प्रदान करने का प्रयास किया है. इसके लिए कई जगहों पर कॉमन वर्किंग एरिया की भी शुरुआत की गई है.

  • स्टार्टअप्स के लिए शिक्षा : उद्यमियों को नए विचारों और प्रौद्योगिकियों का ज्ञान प्राप्त हो सके इसलिए स्टार्टअप नीतियों के साथ-साथ उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी सुधार किया जा रहा है. बिहार सरकार ने इस मामले में कई काम किए है और उद्यमियों को उच्च शिक्षा के लिए समर्थन प्रदान करती है.

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स्टार्टअप्स के लिए बिहार सरकार के प्रमुख उपाय

समर्थन और प्रोत्साहन के लिए वित्तीय संरचना : बिहार सरकार ने स्टार्टअप्स को वित्तीय संरचना प्रदान करने के लिए विभिन्न वित्तीय संस्थानों के साथ सहयोग किया है. यह उद्यमियों को अपने विचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए आवश्यक धनराशि प्रदान करता है. इसके अलावा, सरकार ने नए उद्यमियों के लिए विभिन्न करों को कम करके उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए भी कई स्कीमें शुरू की है.

सरकारी अनुदान : स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करने के लिए बिहार सरकार ने विभिन्न सरकारी अनुदान योजनाएं शुरू की हैं. यह योजनाएं उद्यमियों को अपने विचारों को प्रभावी तरीके से प्रस्तुत करने के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करती हैं जो उन्हें अपने उद्यम को सफलता तक पहुंचाने में मदद करती हैं.

नए और नवाचारी विचारों का समर्थन : बिहार सरकार स्टार्टअप्स को समर्थन करते हुए नए और नवाचारी विचारों को प्रोत्साहित करती है. इसके लिए विभिन्न सेमिनार, प्रशिक्षण कार्यक्रम, और विचार-विमर्श के माध्यम से उद्यमियों को समर्थन प्रदान किया जाता है ताकि वे नए और नवाचारी विचारों को बेहतर तरीके से समझ सकें और अपने उद्यम को विकसित कर सकें.

स्थानीय बाजार में समर्थन : बिहार सरकार ने स्थानीय बाजार में स्टार्टअप्स को समर्थन प्रदान करने के लिए विशेष समूहों को बनाया है. इन समूहों का मुख्य उद्देश्य स्थानीय स्टार्टअप्स को विभिन्न चुनौतियों से निपटने में मदद करना है और उन्हें सफलता तक पहुंचाना है. इन समूहों के माध्यम से स्टार्टअप्स को स्थानीय बाजार में अधिक समर्थन मिलता है और वे अपने उद्यम को सफलता तक पहुंचाने के लिए तैयार हो जाते हैं.

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