18.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार से महात्मा गांधी का था खास जुड़ाव, किसान को बापू ने माना था गुरु, जानें चंपारण सत्याग्रह की दास्तान

Mahatma Gandhi Birth Anniversary: बिहार से महात्मा गांधी का काफी खास जुड़ाव रहा था. वह पटना भी आए थे. उन्होंने इस राज्य में एक किसान को अपना गुरु तक बनाया था. पटना में गांधी 40 दिनों तक रुके थे.

Mahatma Gandhi Birth Anniversary: बिहार से महात्मा गांधी का काफी खास जुड़ाव रहा है. वह पटना आए थे. उन्होंने इस राज्य में किसान को अपना गुरु तक बनाया लिया था. महात्मा गांधी का बिहार की राजधानी से गहरा जुड़ाव रहा है. यहां वह चालीस दिन रुके थे. इस दौरान कई गोपनीय बैठकों में उन्होंने हिस्सा लिया था. बापू का जन्म भले ही गुजरात में हुआ था. लेकिन, उनका बिहार से एक गहरा रिश्ता रहा है. राजधानी पटना से उनका एक जुड़ाव रहा है. चंपारण सत्याग्रह, बिहार विद्यापीठ की स्थापना और आजादी की घोषणा के बाद बिहार में दंगे आदि को लेकर बापू का लगातार पटना आना-जाना लगा रहा था. महात्मा गांधी पटना में कई दिनों तक रुके थे. साल 1947 में लगभग 40 दिनों तक बापू यहां रुके थे.

10 अप्रैल को 1917 को पटना पहुंचे थे गांधी

पंडित राजकुमार शुक्ल की जिद पर चंपारण के किसानों की मदद का वादा करने महात्मा गांधी पहली बार 10 अप्रैल को 1917 को पटना पहुंचे थे. यहां बापू ने तीन जून 1917 को पीरबहोर के दरभंगा हाउस में एक गोपनीय बैठक में हिस्सा लिया था. इस बैठक में मौलाना मजहरूल हक, मदन मोहन मालवीय, हथुआ के महाराज बहादुर रायबहादुर कृष्ण शाही, मोहम्मद मुसा, युसूफ, राम गोपाल चौधरी, एक्सप्रेस के प्रबंधक कृष्णा प्रसाद, दरभंगा महाराज के आप्त सचिव शामिल हुए थे. यहां बैठक करने के बाद वह सात जून 1917 को रांची से पटना कस्तूरबा के साथ लौटे. चंपारण आंदोलन के समय महात्मा गांधी को मुंबई जाना पड़ा था. इसके लिए बापू मोतिहारी से पटना पहुंचे थे. 31 जनवरी को मुंबई के लिए उन्होंने ट्रेन पकड़ी थी. इसके बाद 19 मई को वह वापस लौटे और फिर मोतिहारी के लिए रवाना हो गए. 24 मई को ही बापू फिर पटना आए और ट्रेन से बड़ौदा के लिए गए थे.

Also Read: बिहार: स्वच्छता पखवाड़ा का आयोजन, सफाई का संदेश देकर ‍BJP सांसद ने महात्मा गांधी को अर्पित की श्रद्धांजलि
पंडित राजकुमार शुक्ल को गांधी ने माना था गुरु

मालूम हो कि चंपारण आंदोलन के बाद भारतीय स्वाधीनता संग्राम के परिदृश्य में बदलाव हुआ था. इसके बाद महात्मा गांधी का प्रभाव देशभर में बढ़ा था. इस ओर गांधी ने सभी का ध्यान आकर्षित करने में अहम भूमिका निभाई थी. पश्चिम चंपारण जिले में पंडई नदी के किनारे मुरली भरहवा गांव बसा हुआ है. यहां के किसान पंडित राजकुमार शुक्ल ने अंग्रेजों को भगाने की ठान ली थी. इनकी जिद के कारण ही महात्मा गांधी को गुजरात से बिहार आना पड़ा था. चंपारण आंदोलन देश की स्वाधीनता के संघर्ष का मजबूत प्रतीक के तौर पर उभरा था. अंग्रेजों को भारत से भगाने और देश को स्वतंत्र कराने वाले गांधी जी ने राजकुमार शुक्ल के राष्ट्र व समाजहित की. इस जिद की बदौलत उन्हें गांधी ने अपना ‘तीसरा गुरु’ माना था.

Also Read: बिहार: त्योहार से पहले LPG गैस के बढ़े दाम, पेट्रोल- डीजल की कीमत में भी इजाफा, जानें आपके जिले का क्या है रेट
15 अप्रैल 1971 को चंपारण आए थे गांधी

मालूम हो कि महात्मा गांधी 15 अप्रैल 1971 को चंपारण में आये थे. वह नील कोठी वाले अंग्रेजों की ओर से किसानों व मजदूरों पर किये जा रहे अत्याचार को देखने समझने के लिए यहां पहुंचे थे. लेकिन, तत्कालीन डीएम ने उन्हें तुरंत जिला छोड़ने को कहा था. महात्मा गांधी ने अपनी आत्मा की आवाज पर सरकारी आदेश की अवहेलना की थी. यही सत्याग्रह का भारत में पहला प्रयोग था और प्रशासन ने उन पर किए गए मुकदमा को वापस ले लिया था. उस दौरान तत्कालीन एसडीओ की अदालत में जाकर बापू ने अपना बयान दिया था और आदेश नहीं मानने की वजह को भी बताया था. उसी जगह पर सत्याग्रह स्मारक स्तंभ का निर्माण हुआ. वर्तमान में इस परिसर में एक गांधी संग्रहालय का भी निर्माण हुआ है.

Also Read: बिहार: लोजपा नेता की हत्या का आरोपित गिरफ्तार, सैलून में सेविंग कराने के दौरान अपराधियों ने मारी थी गोली
नील की खेती से किसान थे परेशान

बता दें कि चंपारण किसान आंदोलन बिहार के चंपारण जिले में एक किसान विद्रोह था. यह भारत में ब्रिटिश औपनिवेशिक काल के दौरान शुरू हुआ था. नील की खेती ने किसानों की कमर तोड़ दी थी. इसकी खेती करना उनकी मजबूरी थी. किसानों पर दवाब बनाया जा रहा था. इसकी खेती नहीं करने पर उनकी पिटाई भी होती थी. चंपारण सत्याग्रह को महात्मा गांधी की ओर से शुरु किया गया था. इस आंदोलन के कारण अंग्रेजी सरकार को भारतीय के सामने झुकना पड़ा था. चंपारण सत्याग्रह के कारण सौ साल से पुरानी प्रथा समाप्त हुई थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें