Political News: बिहार में भाजपा और जदयू अब अलग हो चुकी है और जदयू ने इस फैसले के साथ ही खुद को एनडीए से भी बाहर कर लिया है. हालाकि जदयू और भाजपा के बीच एनडीए में साथ रहकर भी तानातानी लगातार चलती रही थी और दोनों तरफों से होने वाली बयानबाजी इसका साफ प्रमाण था. अब भाजपा ने जदयू के 1 विधायक को छोड़कर बाकी सभी 5 विधायकों को मणिपुर में तोड़ दिया है. बीजेपी ने साथ रहकर भी अरुणाचल प्रदेश में कुछ ऐसा ही किया था.
शुक्रवार को भाजपा ने मणिपुर में जदयू के छह में पांच विधायकों को तोड़कर अपने खेमे में मिला लिया. इस सेंधमारी के बाद अब मणिपुर में जदयू के पास केवल एक ही विधायक बचे हैं. ये सेंधमारी भाजपा ने तब की जब जदयू बिहार के बाद अब मणिपुर में सरकार से समर्थन वापस लेने की तैयारी करती दिख रही थी. पटना में पार्टी की अहम बैठकें शुरू होने वाली थी और इससे ठीक पहले बीजेपी ने जदयू को बड़ा झटका दे दिया.
मणिपुर में जदयू को पिछले महीने अगस्त में ही राज्य पार्टी का दर्जा मिला था. भाजपा ने यहां जदयू को बड़ा डैमेज किया और महीने भर के अंदर में 6 में 5 विधायक तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल कर लिये. ऐसा ही कुछ अरुणाचल प्रदेश में हुआ था जब बीजेपी ने यहां जदयू के सारे विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया था. उस समय जदयू और भाजपा एकसाथ थी और जेडीयू भी एनडीए में शामिल थी. अरुणाचल प्रदेश में भी जदयू को राज्य पार्टी का दर्जा प्राप्त है लेकिन अब 7 विधायकों में एक भी उसके साथ नहीं रहे.
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पिछले 24 अगस्त को अरुणाचल प्रदेश के एकमात्र जदयू विधायक तेकी कासो भाजपा में शामिल हो गये थे. 2019 में अरुणाचल विधानसभा चुनाव में जदयू के सात प्रत्याशी जीते थे, जिनमें से छह पहले ही भाजपा में शामिल हो चुके थे. मणिपुर में भी भाजपा ने 6 में 5 विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है. जदयू की मुश्किलें अन्य राज्यों में बढ़ गयी है.
Posted By: Thakur Shaktilochan