तमिलनाडु के मदुरै जेल में बंद बिहार के यूट्यूबर मनीष को सोमवार को बिहार लाया गया. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सप्तक्रांति ट्रेन से मनीष कश्यप को लेकर पुलिस पहुंची. बेतिया स्टेशन पर मनीष कश्यप के समर्थन में नारेबारी हुई और फूल बरसाए गए. तमिलनाडु में कथित हिंसा व बिहार के श्रमिकों से दुर्व्यवहार से जुड़े भ्रामक वीडियो प्रसारित करने के आरोप में मनीष कश्यप को मार्च महीने में गिरफ्तार किया गया था. 130 दिनों के बाद मनीष कश्यप को बिहार लाया गया है.
मनीष कश्यप को लेकर तमिलनाडु से पुलिस जब बेतिया पहुंची तो यूट्यूबर के समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई. दरअसल, मझौलिया के पारस पकड़ी बैंक प्रबंधक से मारपीट व रंगदारी मामले में मनीष कश्यप की सीजीएम कोर्ट में पेशी हुई है. पेशी के बाद मनीष के वकील ने कश्यप को बेतिया जेल में ही रखने का आग्रह किया जिसका विरोध सरकारी वकील की ओर से हुआ.
सीजेएम ने बेतिया जेल में ही मनीष कश्यप को रखने का आदेश दिया. उसे फिलहाल तमिलनाडु ले जाने से रोका गया. वहीं एक दूसरे मामले में भी जुडिशल मजिस्ट्रेट के यहां मनीष कश्यप की आज पेशी होनी है. जिला अभियोजन पदाधिकारी ने कोर्ट में आवेदन दिया. पटना में चल रहे एक मामले में मनीष कश्यप की पेशी है. जिसपर कोर्ट ने मनीष कश्यप को पटना भेजने का आदेश दे दिया.
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बता दें कि मनीष कश्यप पूरे 4 महीने से अधिक समय से तमिलनाडु की जेल में बंद है. मनीष कश्यप ने 18 मार्च को बेतिया के जगदीशपुर पुलिस थाने में सरेंडर किया था. मनीष कश्यप तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों के साथ कथित हिंसा के भ्रामक खबरों को प्रसारित करने के मामले में आरोपित था और फरार चल रहा था. जिस समय उसने सरेंडर किया था उस समय उसके मंझौलिया स्थित घर में कुर्की जब्ती की जा रही थी. गिरफ्तारी के बाद मनीष कश्यप को इओयू की विशेष टीम को सौंपा गया था. वहीं इससे जुड़ा केस तमिलनाडु में भी दर्ज किया गया था. जिसे लेकर तमिलनाडु पुलिस भी पटना पहुंची थी. इओयू दफ्तर में दोनों ने मिलकर मनीष कश्यप से काफी पूछताछ की थी.
बेतिया में मनीष कश्यप के ऊपर केस दर्ज है. मझौलिया थाने में कांड संख्या 193/21 में मनीष कश्यप अभियुक्त है. दरअसल, 2021 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पारस पकड़ी शाखा के तत्कालीन प्रबंधक मयंक रंजन ने मनीष कश्यप के खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने, मारपीट करने व रंगदारी मांगने का मामला दर्ज किया था. इस मामले में मनीष कश्यप फरार चल रहा था और कुर्की का आदेश इसी मामले में मिले वारंट के बाद निकला था.
मनीष कश्यप को 29 मार्च को लेकर पुलिस तमिलनाडु गयी. तमिलनाडु पुलिस ने उसे ट्रांजिट रिमांड पर लिया था. बिहार व तमिलनाडु में उसके उपर एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं. बेऊर जेल से तमिलनाडु मनीष कश्यप को तब विमान से लेकर पुलिस गयी थी. मदुरै कोर्ट में पेशी के बाद उसे रिमांड पर लिया गया. बिहारियों पर हमले से संबंधित वीडियो बनाने और उसे वायरल करने के मामले में पूछताछ की गयी. इस बीच मनीष कश्यप की मुश्किलें तब बढ़ गयी जब तमिलनाडु पुलिस ने उसके ऊपर एनएसए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया. मनीष कश्यप ने इसे अदालत में भी चुनौती दी. लेकिन वहां से भी फिलहाल निराशा ही हाथ लगी है.
मनीष कश्यप की मुश्किलें बढ़ी तो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. मनीष कश्यप की ओर से वकील ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दी. जिसमें आग्रह किया गया कि अलग-अलग राज्यों में दर्ज मुकदमे को एकसाथ जोड़ा जाए. वहीं मनीष कश्यप को बिहार की जेल में शिफ्ट करने की याचिका दायर की गयी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसपर मनीष कश्यप को कोई राहत नहीं दी. वहीं एनएसए हटाने के लिए भी याचिका दायर की गयी. इसपर भी मनीष कश्यप को निराशा ही मिली है.
मनीष कश्यप इन दिनों तमिलनाडु के मदुरै के जेल में ही बंद हैं. पहली बार मनीष कश्यप को बिहार लाया गया है .बेतिया में उससे मिलने के लिए मां और उसके परिजन आए लेकिन एसपी कार्यालय के पास उन्हें मनीष कश्यप से मिलने के लिए रोक दिया गया. वहीं अदालत ने मनीष कश्यप को फिलहाल बिहार में ही रखने का आदेश दिया है. कुछ मामलों में मनीष कश्यप की पेशी बेतिया और पटना में है. जिसे लेकर उसे बिहार लाया गया है.