22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार को मिड डे मील के लिए केंद्र से नहीं मिले 2000 करोड़ रुपये, इधर स्कूलों में लगातार मच रहा बवाल..

बिहार में इन दिनों मिड डे मील को लेकर बवाल मच रहा है. जिलों से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं जहां मिड डे मील की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. वहीं एक जानकारी सामने आयी है कि बिहार को मिड डे मील के लिए केंद्र से 2000 करोड़ रुपये अबतक नहीं मिले. जानिए पूरा मामला..

Mid Day Meal: चालू वित्त वर्ष 2023-24 के चार माह खत्म होने को है, पर मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाली दो हजार करोड़ की राशि बिहार को नहीं मिल सकी है. पिछले वित्तीय वर्ष की राशि से अभी तक काम चल रहा है. जानकारों के मुताबिक अगर एक माह और केंद्रीय राशि नहींं मिली, तो राज्य पर वित्तीय भार बढ़ सकता है, जबकि मध्याह्न भोजन योजना केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है.

मध्याह्न भोजन के लिए केंद्र से मंजूर राशि

सूत्रों के मुताबिक मध्याह्न भोजन के लिए केंद्र से पूरे साल के लिए दो हजार करोड़ से कुछ अधिक की राशि मंजूर की गयी है. केंद्र को यह राशि वित्तीय वर्ष की प्रत्येक तिमाही में पांच सौ करोड़ किस्त में देने थे. इसके हिसाब से पहली किस्त अब तक मिल जानी चाहिए थी. इधर, केंद्र ने इस किस्त में देरी की वजह तकनीकी बतायी है. केंद्र ने बताया है कि अगर आपके खाते में 250 करोड़ से अधिक की राशि है, तो अगली राशि तभी मिलेगी, जब इस राशि को खर्च कर लें या खाते में 250 करोड़ से कम हो. संयोग से राज्य के मध्याह्न भोजन मद में 250 करोड़ रुपये की राशि अभी है. यह राशि पिछले साल की है.

8 से 10 करोड़ की राशि प्रतिदिन  होती है खर्च

मध्याह्न भोजन योजना से जुड़े विश्लेषकों के मुताबिक राज्य में मध्याह्न भोजन संचालन में औसतन आठ से 10 करोड़ की राशि प्रतिदिन खर्च होती है. माह में औसत कामकाजी दिन अगर 24 मानें तो प्रति माह इस पर 190 से 200 करोड़ के बीच राशि की जरूरत पड़ती है. इस तरह केंद्र के वित्तीय असहयोग से केंद्र प्रायोजित योजना के संचालन में दिक्कत खड़ी हो सकती है. इससे पहले सर्वशिक्षा में भी केंद्रांश नहीं मिलने से दिक्कत आ रही है. शिक्षा विभाग ने इस मामले को केंद्र के समक्ष इन मामलों को उठाया है.

Also Read: कटिहार में हिंसक झड़प के बाद सड़कें सुनसान, भारी संख्या में पुलिस बल तैनात, जानें अब कैसे हैं हालात
मिड डे मील को लेकर क्यों मचा है बवाल?

बता दें कि मिड डे मील में लापरवाही को लेकर लगातार जिलों से शिकायतें सामने आ रही है. कई स्कूलों में इसे लेकर बवाल मच चुका है. कहीं भोजन की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए हैं तो कहीं भोजन में कीड़े निकलने पर हंगामा हुआ है. हाल में ही भागलपुर, जमुई, अररिया, सहरसा आदि जिलों में इसे लेकर बवाल मच चुका है.

बांका में मचा बवाल

ताजा घटना बांका में देखा गया जहां अमरपुर क्षेत्र के सलेमपुर पंचायत के प्रोन्नत मध्य विद्यालय मालदेवचक में गुरुवार को मध्याह्न भोजन में कीड़े निकलने से आक्रोशित छात्र-छात्राओं ने भोजन करने से इंकार कर दिया. एमडीएम में कीड़ा निकलने की सूचना पर ग्रामीण भी स्कूल पहुंचे और शिक्षकों से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण भोजन देने की मांग की. जानकारी के अनुसार गुरुवार को दोपहर स्कूल में बच्चों के बीच मध्याह्न भोजन परोसा गया, तो बच्चों ने भोजन में कई कीड़े देखें. बच्चों ने इसकी शिकायत स्कूल के प्रधानाचार्य से की. साथ ही इसकी सूचना अपने अपने अभिभावकों को भी दी गयी. सूचना मिलते ही कुछ ग्रामीण स्कूल पहुंच गये.

लापरवाही को ढकने की कोशिश

स्कूली बच्चों ने बताया कि अभिभावकों के आने के पूर्व ही शिक्षकों ने बचे हुए भोजन को फेंक दिया और उसके ऊपर पानी डाल दिया. स्कूल पहुंचे अभिभावकों ने जब मामले में स्कूल की रसोइया से पूछताछ की तो रसोइया ने बताया कि चावल साफ करने के लिए सूप उपलब्ध नहीं है. इसको लेकर कई बार प्रधानाध्यापक को बोला गया है. लेकिन हमेशा रसोइया को बातों को अनसुना कर दिया जाता है.

छात्रों की शिकायत

छात्रों ने बताया कि स्कूल में कभी भी मेन्यू के अनुसार भोजन नहीं बनता है. अधिकतर आलू की सब्जी ही बनती है. स्कूल के प्रधानाचार्य मृत्युंजय कुमार ने बताया कि स्कूल में 117 छात्र छात्राएं नामांकित हैं. गुरुवार को 68 छात्र उपस्थित हुये थे. उन्होंने स्वीकार किया कि भोजन में कीड़े निकले हैं. आगे बताया कि पिछले कई महा से एमडीएम की राशि नहीं मिली है. वह अपने खर्च से एमडीएम चला रहे हैं. वहीं एमडीएम आरपी ने बताया कि मामले की जानकारी मिली है. मामले की जांच की जा रही है.

भागलपुर में भी मचा बवाल

बताते चलें कि भागलपुर में भी एक घटना सामने आयी जहां एसएम कॉलेज रोड स्थित भवानी कन्या मध्य विद्यालय में बीते मंगलवार को मध्याह्न भाेजन में कीड़ा मिलने को लेकर छात्रों का प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है. घटना के दो दिन बाद गुरुवार को भी छात्रों व अभिभावकों ने मिलकर स्कूल परिसर व सड़क पर जमकर हंगामा किया. वहीं, एसएम कॉलेज रोड पर जाम लगाते हुए एमडीएम पदाधिकारी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. छात्रों व अभिभावक समेत स्थानीय लोग आंदोलन में कूद पड़े. स्थानीय लोगों ने बोर्ड व तख्तियों पर एमडीएम डीपीओ आनंद विजय के खिलाफ नारे लिखकर लहराये. इस दौरान बच्चे व अभिभावकों ने एमडीएम पदाधिकारी होश में आओ, सड़ा गला खाना बंद करो जैसी नारेबाजी की.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें