Modi surname case: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के मोदी सरनेम से जुड़े मानहानि केस में उनके खिलाफ दायर याचिका पर पटना उच्च न्यायालय में आज हुई. मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई को 4 जुलाई तक के लिए टाल दिया. इसके साथ ही, निजली अदालत के आदेश पर रोक को बरकरार रखा है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता सुशील मोदी ने उनके खिलाफ 2019 में मानहानि के केस दर्ज कराया था. याचिका में कहा गया है कि राहुल गांधी ने मोदी को चोर कहकर पूरे मोदी समुदाय का अपमान किया है. इसी से जुड़े एक अन्य मामले में राहुल को दो साल की सजा गुजरात के सुरत कोर्ट से मिल चुकी है.
मामले में सुनवाई करते हुए पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने उनको हर हाल में 25 अप्रैल को कोर्ट में सशरीर पेश होने का आदेश दिया था. एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मामले में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट के न्यायाधीश संदीप कुमार की एकलपीठ ने राहुल गांधी को बड़ी राहत दी थी. कोर्ट ने मामले में उन्हें सशरीर पेश होने के आदेश से छूट दी थी. इसके बाद मामले में आज आगे की सुनवाई होनी है.
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भाजपा नेता सुशील मोदी ने वर्ष 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ एक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में अपने भाषण में मोदी सरनेम पर कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान दिया था. राहुल गांधी पर आरोप है कि उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है? सभी चोरों का सरनेम मोदी ही क्यों होता है. इसी आरोप में राहुल गांधी को सुरत के कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है. इसके बाद कांग्रेस नेता को अपने संसद के सदस्यता और सरकारी बंगले से हाथ धोना पड़ा.