Bihar News: बिहार में बारिश के बाद सब्जियों की फसल खराब हुई है. कीमत पर वर्षा का असर पड़ा है. वहीं, अब कई तरह के सब्जियों के भाव में इजाफा हुआ है. बारिश की वजह से पिछले तीन-चार दिनों में हरी सब्जियों की कीमत में दस रुपये से अधिक की बढ़ोतरी हो चुकी है. इन दिनों ज्यादातर हरी सब्जियों की कीमत 40-50 रुपये प्रति किलो के ऊपर है. सब्जियों में सबसे महंगा छोटे आकार का चटैल 160 रुपये प्रति किलो तो फरसबीन 140 रुपये प्रति किलो शनिवार को बिका. वहीं, धनिया पत्ता 200 रुपये किलो और हरी मिर्च 80-100 रुपये प्रति किलो के भाव बिकी. करी पत्ता 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. सब्जी विक्रेताओं की मानें, तो आने वाले कुछ दिनों में सब्जियों के दामों में वृद्धि देखने को मिल सकती है. टमाटर के अलावा नेनुआ, भिंडी, परवल,करैला, बैगन जैसी कई सब्जियां भी महंगी हो गयी हैं.
बताया जाता है कि सब्जियों की कीमत में इजाफा होने का मुख्य कारण बारिश होने की वजह से दियारा के इलाके में पानी का बढ़ना है. खेत में पानी जम गया है. इसके कारण फसल खराब हो रही है. दियारा इलाके से परवल, भिंडी, नेनुआ, करेला और गोभी आती है. नासिक से टमाटर, नेपाल और कर्नाटक से बंदगोभी, रांची से फूलगोभी, इंदौर से गाजर, समस्तीपुर से चटैल, लोकल और रांची से परवल, दिल्ली से फरसबीन बिहार में आ रही है.
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राजधानी पटना के खुदरा सब्जी मंडियों में टमाटर की बात करें, तो फिलवक्त 80 रुपये से लेकर 100 रुपये किलो तक मिल रहा है. महिलाओं का कहना है कि सब्जियां एक बार फिर काफी महंगी हो गयी हैं, नेनुआ, भिंडी, गोभी, करेला, बैगन आदि के दाम बढ़ गये हैं. इसके कारण बजट गड़बड़ा रहा है. अंटा घाट के सब्जी विक्रेता सोहन ने बताया कि सब्जियों की कीमत आवक पर निर्भर करती है. अभी आवक कम है. इसलिए सब्जियों का भाव बढ़ गया है.
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टमाटर 80 – 100, भिंडी 40, बंदगोभी 30, नेनुआ 40, करेला 50- 60, फूल गोभी 60, जोड़ा गाजर 60- 80, कंदा 40- 50, बैगन 40- 50, फरसबीन 140, परवल 30 पपीता, (कच्चा) 40, चटैल 160, धनिया पत्ता 200, बोरा 40 – 50, कुंदरी 30, मूली 50, अरुई 50, शिमला मिर्च 80, करी पत्ता 200, खरो 50 – 60 रुपए प्रति किलो के भाव से मिल रहा है. यह कीमत अंटा घाट और मीठापुर सब्जी मंडी की है. इलाके और वक्त के अनुसार कीमत में अंतर हो सकता है.
वहीं, बता दें कि इस साल खरीफ मौसम में फसलों की क्षति होने पर बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत दी जाने वाली सहायता लिए फसलों को जिलावार नोटिफाइ कर दिया गया है. सहकारिता विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है. इस योजना के तहत वास्तविक उपज दर में 20 फीसदी तक गिरावट होने पर प्रति हेक्टेयर 7500 रुपया तथा 20 फीसदी से अधिक क्षति होने पर प्रति हेक्टेयर दस हजार रुपया किसानों को मिलेगा. अधिकतम दो हेक्टयर तक में क्षति की राशि दी जायेगी. अगहनी धान और भदई मक्का राज्य के सभी 534 प्रखंडों के लिए नोटिफाइ किये गये हैं. जबकि आलू, बैंगन, गोभी, टमाटर और सोयाबीन को अलगअगल जिलों की जिलास्तरीय फसल के रूप में नोटिफाइ किया गया है. अगहनी आलू को पूर्णिया, पूर्वी चंपारण, बांका, कटिहार, गया, भागलपुर, सुपौल, भोजपुर, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी, पटना और सीवान के लिए जिला स्तरीय फसल के लिए नोटिफाइ किया गया है.
राज्य के तीन जिलों में सोयाबीन की क्षति पर भी सहायता, 20 फीसदी तक और इससे अधिक फसल नष्ट होने पर मिलेगा मुआवजा. सोयाबीन को बेगूसराय, समस्तीपुर और खगड़िया के लिए अधिसूचित किया गया है. अगहनी बैंगन समस्तीपुर, वैशाली, गया, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, कटिहार, पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, बेगूसराय एवं बांका का जिलास्तरीय फसल नोटिफाइड किया गया है. टमाटर समस्तीपुर, गया, भोजपुर, वैशाली और पटना जिले के लिए अधिसूचित है. गोभी समस्तीपुर, वैशाली, कटिहार, सुपौल, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधेपुरा, बांका, गोपालगंज, पूर्णिया, बेगूसराय का जिलास्तरीय फसल नोटिफाइ किया गया है