पटना. एक बड़े राजनीतिक घटनाक्रम में वीआइपी अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री मुकेश सहनी की मुश्किलें बढ़ गई है. उनके तीनों विधायकों ने उनका साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. इससे नाराज सहनी ने गुरुवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि इससे मैं हार नहीं मानने वाला हूं. गरीबों के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगा. एक सवाल में उन्होंने साफ कर दिया कि फिलहाल मैं इस्तीफा नहीं देने जा रहा हूं. इसके साथ ही उन्होंने वीआईपी छोड़कर भाजपा में गए अपने विधायकों को बधाई भी दी.
जो पार्टी दूसरे की पार्टी के विधायकों को छीनकर सबसे बड़ी पार्टी बन जाये उस पार्टी को नैतिकता के आधार पर मेरे से इस्तीफा मांगने का अधिकार नहीं है. pic.twitter.com/17G7wayyrD
— Rajesh Kumar Ojha (@RajeshK_Ojha) March 24, 2022
मुकेश सहनी ने पत्रकारों से बात करते हुए बीजेपी (BJP) पर कई संगीन आरोप लगाए लेकिन जब उनसे मंत्री पद के इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि मेरा इस्तीफा CM नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का विशेषाधिकार, इसलिए जैसा वो कहेंगे मैं वैसा ही करूंगा. उन्होंने बिहार बीजेपी के नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे शुरू से ही कमजोर करने और तोड़ने की साजिश की जा रही थी. मैंने जब भी आगे बढ़ने की कोशिश की है लोगों की आंखों में खटका हूं. इसके बाद भी मैं आखिरी सांस तक अपने लोगों के लिए लड़ाई लड़ता रहूंगा. उन्होंने संजय जायसवाल पर बहुत झूठ बोलने का आरोप लगाया.
पत्रकारों के एक सवाल पर सहनी ने कहा कि फिलहला मैं इस्तीफा नहीं दूंगा. जनता के लिए काम करता रहूंगा. पार्टी विधायक बनाते हैं. विधायक से पार्टी नहीं बनती. विधायक आते जाते रहेंगे. इससे कोई अंतर नहीं पड़ता है. चिराग का उदाहरण देते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि उनके साथ भाजपा ने क्या कुछ नहीं किया. लेकिन, इससे हम अपना संघर्ष का रास्ता नहीं छोड़ने वाले हैं. मुकेश सहनी ने कहा कि फिलहाल मेरा लक्ष्य बोचहां विधानसभा उपचुनाव है. चुनाव के बाद हम आगे तय करेंगे कि मुझे क्या करना है.
सहनी ने कहा कि बीजेपी से मेरी जो डीलिंग मेरे और अमित शाह जी के बीच हुई थी. संजय जायसवाल तब कमरे के बाहर भी नही खड़े थे. सहनी ने कहा कि संजय जायसवाल और बीजेपी के दूसरे नेता जो बात बोल रहे हैं, अगर वही बात केंद्रीय गृह मंत्री बोल दें तो मैं सही मान लूंगा. जो पार्टी दूसरे की पार्टी के विधायकों को छीनकर सबसे बड़ी पार्टी बन जाये उस पार्टी को नैतिकता के आधार पर मेरे से इस्तीफा मांगने का अधिकार नहीं है. सहनी ने कहा कि बोचहां सीट पर पहला अधिकार हमारा था लेकिन भाजपा ने अपने मन से वहां पर प्रत्याशी उतार दिया. यूपी चुनाव लड़ने के बाद से ही BJP हमें बेइज्जत कर रही है.
सवालिया लहजे में उन्होंने कहा कि क्या अपने और अपने समाज के लोगों के हक की लड़ाई लड़ना गलत है. हमने जब अपने समाज के लिए हक की मांग किया तो भाजपा के लोगों ने हमें टारगेट कर लिए. लेकिन अपने समाज के लिए आरक्षण की मांग हम करते रहेंगे. भाजपा के इस हरकत से हम न तो पीछे हटने वाले हैं और न ही झुकने वाले हैं. कंधा से कंधा मिलाकर चल सकते हैं. लेकिन किसी को शहांशाह नहीं मानने वाले हैं. हम चार बात अगर किसी की मानते हैं तो उन्हें भी हमारी चार बातें माननी पड़ेगी. तभी हम उनके साथ चलेंगे.