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बिहार शिक्षक बहाली : मगही में एक, भोजपुरी में चार और मैथिली में केवल 97 शिक्षकों की जरूरत

विद्यालय अध्यापकों की प्रस्तावित रिक्तियों में मगही में एक शिक्षक और भोजपुरी में चार शिक्षकों की जरूरत है. मैथिली में जरूर 97 शिक्षकों की जरूरत है. पूरे बिहार में केवल गया जिले में एक मगही शिक्षक की जरूरत है. भोजपुरी के चार शिक्षकों की जरूरत है.

  • 16641 रिक्तियां भाषा विषयों से जुड़ी हैं माध्यमिक स्कूलों में

  • 10669 पद भाषाओं से जुड़े हैं उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में

  • 305 शिक्षकों की जरूरत है पर्सियन में

  • 200 शिक्षकों की जरूरत है अरबी में

  • 1085 विद्यार्थियों ने इंटर में भोजपुरी में इस साल दी थी परीक्षा

  • 428 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी मगही में

माध्यमिक स्कूलों में 50 फीसदी से अधिक रिक्तियां भाषा विषयों से

माध्यमिक स्कूलों में कुल 33186 में से 50 फीसदी से अधिक करीब 16641 रिक्तियां भाषा विषयों से जुड़ी हैं. वहीं उच्चतर माध्यमिक की कुल 57618 रिक्तियों में 18.51 फीसदी 10669 पद भाषाओं से जुड़े हैं. इसमें बिहार की क्षेत्रीय भाषाओं मगही, मैथिली, भोजपुरी और बंगाली के शिक्षकों की संख्या 111 है. इसके मायने सहज ही समझे जा सकते हैं.

मैथिली में 97 शिक्षकों की जरूरत

जानकारी के मुताबिक विद्यालय अध्यापकों की प्रस्तावित रिक्तियों में मगही में एक शिक्षक और भोजपुरी में चार शिक्षकों की जरूरत है. मैथिली में जरूर 97 शिक्षकों की जरूरत है. पूरे बिहार में केवल गया जिले में एक मगही शिक्षक की जरूरत है. भोजपुरी के चार शिक्षकों की जरूरत है. भोजपुरी के दो-दो शिक्षकों की जरूरत भोजपुर और सारण में है.

भोजपुरी भाषा को पढ़ाने के लिए चार शिक्षकों की जरूरत

भोजपुरी भाषा को पढ़ाने के लिए कुल चार शिक्षकों की जरूरत है. क्षेत्रीय भाषाओं में सबसे अधिक 97 मैथिली शिक्षकों की जरूरत है. इसमें दरभंगा और मधुबनी में 25-25, सहरसा में 15, समस्तीपुर में 10,सीतामढ़ी में सात और सुपौल में इसके आठ शिक्षकों के पद खाली हैं. कभी बिहार में बंगाली के शिक्षकों की संख्या कुछ सौ में हुआ करती थी, अब इसके केवल नौ शिक्षक चाहिए. यह नौ शिक्षक पूर्णिया,कटिहार और भागलपुर में क्रमश: 3-3 की संख्या में चाहिए.

इंटर में 40000 से अधिक बच्चों ने दी मैथिली की परीक्षा

केवल मैथिली ही एक ऐसी भाषा है, जो स्थानीय भाषाओं में सबसे ज्यादा पढ़ी जाती है. इंटर मीडिएट में केवल मैथिली ही वह क्षेत्रीय भाषा रही जिसमें 40 हजार से अधिक विद्यार्थियों ने परीक्षा दी. जहां तक भोजपुरी का सवाल है, इसमें इस साल परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की संख्या 1085 रही. मगही में 428 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी. बांग्ला में करीब 245 बच्चों ने ही परीक्षा दी थी. इस साल के इंटर एक्जाम में मगही में केवल 428 बच्चों ने ही परीक्षा दी थी.

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पाली भाषा के लिए 67 शिक्षकों की जरूरत

हायर सेकेंडरी स्कूलों में दो प्राचीन भाषा मसलन प्राकृत और पाली में क्रमश: नौ और 67 शिक्षकों की जरूरत है. इन दोनों भाषाओं प्राकृत और पाली में वर्ष 2023 की परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों की संख्या क्रमश: 1227 और केवल 376 थी. पर्सियन और अरबी में क्रमश: 305 और 200 शिक्षकों की जरूरत है. सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2023 में पर्सियन में 114 और अरबी में केवल 60 बच्चों ने ही परीक्षा दी थी.

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