NDA Meeting In Delhi: एनडीए की आज मंगलवार को दिल्ली में बड़ी बैठक होने जा रही है. इस बैठक में बिहार की भी चार सियासी पार्टी शामिल होंगी. एनडीए ने अपना कुनबा अब बढ़ा लिया है और 38 पार्टियां इसमें जुट रही हैं. आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर ये बैठक बेहद अहम मानी जा रही है. 38 दलों के नेता इस बैठक में शामिल होंगे जिसकी पुष्टि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की है. इस बैठक को बिहार के सियासी नजरिए से भी बेहद अहम माना जा रहा है. दरअसल, बिहार में महागठबंधन से अलग हुए कुछ कद्दावर नेता भी इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं.
दिल्ली के होटल अशोका में मंगलवार को आयोजित एनडीए की बैठक में भाजपा अध्यक्ष के अलावे खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वरिष्ठ नेता शामिल रहेंगे. बिहार से चार दल इस बैठक में शिरकत करेंगे. बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी भी इस बैठक में शामिल होंगे. जबकि लोजपा(रामविलास) के नेता चिराग पासवान इस बैठक का हिस्सा बनने जा रहे हैं.
चिराग पासवान ने बैठक से पहले अपनी पार्टी को एनडीए में शामिल करा लिया है. वहीं जदयू से बगावत करके अपनी पार्टी बना चुके रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा भी इस बैठक में शामिल होने जा रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा को अपने साथ जोड़कर भाजपा ने कुशवाहा वोट बैंक पर निशाना साधने का प्रयास किया है.
बता दें कि उपेंद्र कुशवाहा जदयू के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. उन्होंने पार्टी से बगावत करते हुए फिर से खुद को अलग कर लिया और अब एनडीए ने उन्हें अपनी बैठक में शामिल होने आमंत्रण भेजा तो उन्होंने स्वीकार किया है. जबकि महागठबंधन से खुद को अलग करने वाले हम पार्टी के नेता व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी भी इस बैठक का हिस्सा बनने जा रहे हैं. उनके पुत्र व बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष सुमन को भी आमंत्रित किया गया है. जबकि लोजपा(राष्ट्रीय) के अध्यक्ष सह केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस भी इस बैठक का हिस्सा बनेंगे.
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बताते चलें कि बिहार में जब से सियासी समीकरण बदले हैं तब से एनडीए और विपक्ष दोनों खुद को मजबूत करने में जुटा है. नीतीश कुमार ने जदयू को एनडीए से अलग करके महागठबंधन के साथ सरकार बनाई है. वहीं चिराग पासवान, जो जदयू के कट्टर विरोधी बन चुके हैं, वो अब अधिकारिक रूप से एनडीए का हिस्सा बन चुके हैं. चिराग पासवान के ऊपर नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि वो भाजपा के ही इशारे पर पिछले विधानसभा चुनाव 2020 में जदयू को नुकसान पहुंचाने मैदान में उतरे थे. जबकि अब सबकी नजरें स्व. रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस पर भी है. चिराग पासवान की पार्टी के एनडीए में शामिल होने के बाद पशुपति पारस का अगला कदम क्या होगा, ये आने वाला समय तय करेगा.
लोजपा को लेकर अभी सियासी गलियारों में हलचल बेहद तेज है. चिराग पासवान की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद उनके चाचा पशुपति पारस गुट की वैशाली से सांसद वीणा देवी चिराग से मिलने दिल्ली में उनके घर पहुंची. चिराग और वीणा देवी की मुलाकात को लेकर कई तरह के कयास लगाये जा रहे हैं. दौरान दोनों नेताओं के बीच लंबी बातचीत हुई. हालांकि दोनों नेताओं के बीच क्या बातचीत हुई है, ये जानकारी बाहर नहीं हो सकी है. लेकिन अब दोनों गुटों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हैं. लोग यह भी अब कयास लगा रहे हैं कि शायद चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस पर भारी पड़ने जा रहे हैं. वहीं चिराग पासवान और पशुपति पारस दोनों हाजीपुर सीट पर अपनी दावेदारी कर रहे हैं. सूत्रों की माने तो केंद्रीय गृहमंत्री और चिराग की पार्टी के बीच अगले लोकसभा चुनाव में सीट को लेकर समझौता फाइनल हो गया है.
इधर, हम पार्टी भी अब एनडीए की बैठक में शामिल हो रही है और उपेंद्र कुशवाहा को भी आमंत्रण मिला है. महागठबंधन से नाराज होकर अलग हुए दोनों नेताओं को भाजपा ने अपने कुनबे में शामिल किया है. वहीं महागठबंधन ने इस बैठक को लेकर तंज कसा है और भाजपा के लिए कहा कि घबराकर अब एनडीए के कुनबे को बड़ा करने में भाजपा लगी हुई है. बता दें कि मंगलवार को ही विपक्षी दलों की दूसरी बैठक बेंगलुरु में होने जा रही है जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व राजद सुप्रीमो लालू यादव व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे.
Published By: Thakur Shaktilochan