मुंबई में 31 अगस्त और एक सितंबर को विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की होने वाली बैठक में सीटों के तालमेल पर फैसला होगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि मुंबई में ‘इंडिया’ की बैठक में यह तय होगा कि कौन कहां से चुनाव लड़ेगा. उन्होंने कहा कि वहां कुछ और पार्टियां भी ‘इंडिया’ से जुड़ेंगी. ‘इंडिया’ की बैठक पर विपक्ष द्वारा सवाल खड़े किये जाने से संबंधित पत्रकारों के प्रश्न पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हमको व्यक्तिगत कुछ नहीं चाहिए. हम सबको बस एकजुट करना चाहते हैं. हम शुरू से ही यह बात बोल रहे हैं. मुख्यमंत्री ने यह बातें रविवार को पटना के नेहरू पथ स्थित पंत भवन के पास लोहिया पथ चक्र के शेष निर्माणाधीन कार्यों का स्थल निरीक्षण करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में कही.
गौरतलब है कि ‘इंडिया’ की बैठक में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री 31 अगस्त को दोपहर बाद मुंबई पहुंचेंगे. 31 अगस्त की देर शाम मुंबई के पांच सितारा होटल ग्रैंड हयात में सभी घटक दलों के नेता जुटेंगे. इस दौरान अगले दिन एक सितंबर को होने वाली बैठक की रूपरेखा तय होगी. 31 अगस्त की शाम तक इंडिया का आगामी लोकसभा चुनाव के लिए खाका स्पष्ट हो जायेगा. दरअसल भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकसूत्र में बांधने की योजना के तहत पहली बैठक पटना में 23 जून को हुई थी. दूसरी बैठक बेंगलुरु में 18 और 19 जुलाई को हुई. अब तीसरी बैठक 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में होगी.
रविवार को पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष क्या बोलता है, उसका कोई मतलब नहीं है. हम मुंबई तो जा रहे हैं. वहां हम सब फिर एक साथ मिल बैठकर निर्णय लेंगे. हम चाह रहे हैं कि यह जल्दी तय हो जाए कि कौन-कौन, कहां-कहां से लड़ेगा. भाजपा के लोग जान रहे हैं कि हम इतने लोगों को एकजुट कर रहे हैं, तो उनको नुकसान होने वाला है. इसलिए भाजपा के लोग अनाप शनाप बोलते रहते हैं. भाजपा के लोग क्या बोलते हैं, हम ध्यान नहीं देते हैं. इस बीच, नीतीश ने पटना के बेली रोड पर हड़ताली मोड़ के पास लोहिया पथ चक्र के निर्माण कार्य का जायजा लिया और भरोसा दिलाया कि यह परियोजना दुर्गा पूजा से पहले पूरी हो जायेगी.
वहीं कांग्रेस के मिलिंद देवड़ा ने ‘इंडिया’ के साझेदारों में विकसित हो रहे तालमेल की सराहना करते हुए कहा कि इसका सबसे अच्छा उदाहरण महाराष्ट्र में है. 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए कई राज्यों में ‘इंडिया’ के साझेदारों के बीच सीट बंटवारे को कमोबेश अंतिम रूप दे दिया गया है, केवल कुछ दलों को अतिरिक्त समय की आवश्यकता है. महाविकास आघाड़ी के भीतर कोई समस्या नहीं है, राकांपा में जो हो रहा है वह उसका आंतरिक मामला है.