बिहार के ग्रामीण इलाकों में बेहतरीन सुविधा पहुंच सके साथ ही लोगों को आवागमन में सुविधा हो इसके लिए राज्य सरकार ने पंचायतों और गांवों को जोड़ने की योजना बनाई है. जिसके तहत क्षेत्रीय विधायक और विधान पार्षदों की सलाह पर मुख्य सड़कों से अधिक दूरी वाली पंचायतों और बड़े गांवों को अतिरिक्त सड़क बनाकर जरूरी संस्थाओं से जोड़ा जायेगा.
सात निश्चय भाग-2 का हिस्सा है यह परियोजना
इस नई योजना के तहत प्रशासनिक इकाई, बाजार, स्वास्थ्य, शैक्षणिक, पर्यटन, यातायात, बैंक, फ्यूल स्टेशन, एमएसएमइ की इकाई और फ्ल्ड शेल्टर शामिल हैं. साथ ही प्रखंड मुख्यालयों को अनुमंडल व जिला मुख्यालयों से भी जोड़ा जायेगा. इसके लिए जरूरत पड़ी, तो बाइपास का भी निर्माण किया जायेगा. इन सभी योजनाओं पर राज्य में अतिरिक्त सुलभ संपर्कता के तहत काम शुरू होगा. यह योजना सात निश्चय भाग-2 का हिस्सा है.
ग्रामीण कार्य विभाग को सौंपी गई सड़क बनाने की जिम्मेदारी
सूत्रों के अनुसार सरकार को ऐसी जानकारी मिल रही थी कि मुख्य सड़कों से अधिक दूरी पर कई पंचायत और गांव अब भी मौजूद हैं. उन सभी की सीधी कनेक्टिविटी एसएच, एनएच या बड़ी जिला सड़कों से नहीं है. साथ ही जरूरी सेवा वाली संस्थाओं तक सीधे पहुंचने के लिए सड़क नहीं है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर लंबी दूरी तय कर बाजार, अस्पताल, स्कूल या बैंक सहित अन्य जरूरी जगहों पर जाना पड़ता था. इस पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने सात निश्चय पार्ट-2 में इसे शामिल करते हुए ऐसी अतिरिक्त ग्रामीण सड़कों को बनाने की जिम्मेदारी ग्रामीण कार्य विभाग को सौंप दी है. अब इन सड़कों के बनने से लोगों को काफी सहूलियत होगी और जरूरी सेवाओं से सम्पर्कता बढ़ेगी.
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