Purnea Airport: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के दौरे को लेकर पिछले कई दशकों से अधर में लटकी पूर्णिया एयरपोर्ट की मांग मुखर रूप से उठायी जाने लगी है. प्रबुद्ध वर्ग से आने वाला शहर का बड़ा तबका जहां सोशल मीडिया पर इसके लिए अभियान चला रहा है. वहीं एक दूसरा तबका इस बाबत मुख्यमंत्री से मुलाकात की जुगत बैठा रहा है. यह तबका एयरपोर्ट मामले में हुई नाइंसाफी का सच मुख्यमंत्री के कानों तक पहुंचाना चाहता है. पूर्णिया को कृषि कालेज, इंजीनियरिंग कालेज और मेडिकल कालेज देने वाले मुख्यमंत्री से लोगों की उम्मीदें काफी बंधी हुई हैं.
गौरतलब है कि पूर्णिया में लंबे समय से एयरपोर्ट खोले जाने की मांग होती रही है. वर्ष 2015 में आयोजित एक सभा के दौरान प्रधानमंत्री द्वारा जल्द ही हवाई सेवा शुरू किये जाने की घोषणा के बाद उम्मीद हो चली थी कि लोग यहां से हवाई उड़ान भर सकेंगे. पूर्णियावासियों को मलाल है कि दरभंगा से काफी पहले पूर्णिया में एयरपोर्ट बनाये जाने की घोषणा हुई थी पर सात साल बाद भी यह उम्मीद अभी हवा में ही पड़ी है.
वैसे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण की लंबी प्रक्रिया चली. जिला प्रशासन ने 52 एकड़ जमीन अधिग्रहण कर सरकार को सौंप दी पर एयरपोर्ट का मामला पेंच में फंस कर रह गया. इस पेंच के कई अलग-अलग पहलु हैं पर इससे इतर पूर्णिया के नागरिक हर हाल में पूर्णिया से हवाई सेवा शुरू किए जाने के पक्षधर हैं.
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जानकारों की मानें तो एयरपोर्ट का मामला भूमि अधिग्रहण के पेंच में ही फंस कर रह गया. जानकारों ने बताया कि एयरपोर्ट के लिए सैन्य हवाई अड्डे से उत्तर की दिशा में भूमि का अधिग्रहण किया जाना था पर इसके विपरीत सैन्य हवाई अड्डे के दक्षिण दिशा की भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया. नागर विमानन विभाग ने डायरेक्शन के विपरीत भूमि अधिग्रहण पर न केवल सवाल खड़ा कर दिया बल्कि इसे लेने से भी इंकार कर दिया.
नागर विमानन विभाग ने यह भी खुलासा कर दिया है कि इस परियोजना की पूर्णता राज्य सरकार द्वारा भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को वांछित दिशा में जमीन उपलब्ध कराने पर निर्भर करेगी. इससे पहले की स्थिति देखी जाये तो अधिग्रहित भूखंड को लेकर भी कई तरह की अड़चनें सामने आ गयीं जिसके कारण नागर विमानन विभाग तक मामला पहुंचने में विलंब हो गया. आलम यह है कि अधिग्रहण के बाद सैन्य हवाई अड्डा पर अलग से सिविल इन्कलेव, वीवीआइपी लाउंज, कार्गो तथा अन्य सुविधाओं का निर्माण किया जाना था पर गलत दिशा में भूमि का अधिग्रहण किये जाने से मामला अधर में लटक गया है.
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1965 में पूर्णिया के चुनापुर सैन्य हवाई अड्डा बना था
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2015 में प्रधानमंत्री ने की थी पूर्णिया में एयरपोर्ट की घोषणा
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52.18 एकड़ अधिग्रहित भूमि विवादों में उलझी
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75 रैयतों की जमीन का किया गया था अधिग्रहण
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300 करोड़ रुपए भी दिये गये थे भूमि अधिग्रहण के लिए
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20 करोड़ की राशि जमीन अधिग्रहण में हुई खर्च