बिहार के कई जिलों में रविवार की शाम बेमौसम हुई तेज मूसलाधार बारिश व भारी ओलावृष्टि से धान की फसल को बड़ी व अपूर्णीय क्षति पहुंची है. इसके चलते धान की खड़ी हुई तैयार फसल पूरी तरह से टूटकर व मुड़कर जमीन पर आ बिछी है. इस प्राकृतिक आपदा से बड़े पैमाने पर खेतों में अब पैदावार में काफी नुकसान है. आलम यह है कि ओला गिरने से बर्बाद हुई धान की फसल को देखकर अन्नदाताओं के चेहरे मुरझा गये हैं.
गौरतलब हो कि रविवार को अचानक मौसम ने करवट बदल लिया. देखते ही देखते तेज मूसलाधार बारिश व बादलों की गर्जना शुरू हो गयीं. इस दौरान बर्फ के बड़े-बड़े गोले आसमान से गिरने लगे. प्रदेश के कई क्षेत्रों में मानो ओलावृष्टि ने बिल्कुल ही कहर बरपा दिया. बर्फ के बड़े-बड़े गोलों की मार से धान की खड़ी व तैयार फसल चौपट हो गयीं.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के कई इलाकों में बड़े पैमाने पर धान की खेती की जाती है. यहां के अन्नदाताओं का मुख्य फसल धान ही है. इसे बेचकर ही वे अगली खेती के लिए रुपये जुगाड़ करते हैं तथा घर गृहस्थी चलाते हैं. अब जबकि धान की फसल ओलावृष्टि की भेंट चढ़ चुकीं हैं तो ऐसे में किसानों की चिंता लाजमी है. मामले में चिंता व्यक्त करते क्षेत्र के अन्नदाताओं ने प्रशासन से मुआवजा राशि की मांग की है.
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बता दें कि बंगाल की खाड़ी की तरफ से आ रही नमी और रविवार को अचानक पूर्वी उत्तरप्रदेश के आसमान में बने चक्रवाती क्षेत्र से बिहार में मौसमी उपद्रव शु़रू हो गये हैं. फ्रीजिंग लेवल सामान्य से कुछ नीचे आ जाने से कुछ स्थानों पर ओला वृष्टि भी हुई है. आइएमडी के पूर्वानुमान के मुताबिक अगले दो दिनों सोमवार और मंगलवार तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सामान्य से मध्यम बारिश और एक-दो जगह पर भारी बारिश के आसार बने हैं. इस दौरान कुछर जगहों पर ठनका और ओला वृष्टि की भी आशंका है.