Rajgir Glass Bridge: नेचर एडवेंचर (Nature Adventure) के लिए आपको चीन, न्यूजीलैंड या स्पेन जैसे देशों की तरफ नहीं देखना होगा बल्कि अपने देश में ही, आपके अपने राज्य बिहार (Bihar) के राजगीर (Rajgir) में रोंगटे खड़े करने वाला रोमांच आप महसूस कर सकते हैं. राजगीर में चीन की तर्ज पर ग्लास ब्रिज (Glas bridge) तैयार किया गया है जिस पर नए साल में आप स्काई वॉक (Skywalk) का मजा ले सकते हैं.
पांच पहाड़ियों से घिरी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर की वादियों की मनमोहक और ऐतिहासिक धरोहरों में अब ग्लास ब्रिज भी शामिल होने जा रहा है. पहाड़ी के उपर इस ब्रिज पर चलते हुए लोग खुद को हवा में तैरता महसूस करेंगे. इस ब्रिज के सहारे 85 फीट आगे अंतिम छोर पर आप पहुंचेंगे तो पारदर्शी शीशे के 250 फीट नीचे जमीन देख आपके शरीर में सिहरन पैदा हो जाएगी. हाल ही में जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यहां का दौरा किया था अधिकारियों ने कहा था कि यह अगले मार्च तक शुरू हो सकता है.
ग्लास ब्रिज के डी सेक्टर यानी लास्ट प्वॉइंट पर एक साथ 10 लोग खड़े हो सकते हैं जबकि ब्रिज के अन्य हिस्सों पर 40 लोग एक साथ घूम सकते हैं. ग्लास की मजबूती को लेकर फिक्र करने की जरुरत नहीं है. इसकी मोटाई 45 एमएम है जो तीन लेयर में है.
बता दें कि पूर्वोत्तर भारत में यह पहला ग्लास ब्रिज है जिसे बिहार सरकार ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए तैयार कराया है. वेणुबन से पुल को सजाया जा रहा है.इस ग्लास ब्रिज को चीन के हांगझोऊ प्रांत में बने 120 मीटर ऊंचे कांच के पुल की तर्ज पर बनाया गया है.
राजगीर का ग्लास ब्रिज करीब 500 एकड़ में बने अत्याधुनिक जू सफारी पार्क का हिस्सा होगा. यहां आप रोप साइक्लिंग का भी मजा ले सकते हैं. इस पार्क में तरह-तरह के जीव जंतु होंगे. इसके साथ-साथ पार्क में अत्याधुनिक रोप वे का भी निर्माण किया जा रहा है जो लोगों को विश्व शांति स्तूप तक आसानी से पहुंचा देगा. राजगीर को अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है. यहां जू सफारी, तितली पार्क, आर्युवेदिक पार्क और देश-विदेश के अलग-अलग प्रजातियों के पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं जो आम तौर पर कहीं और नहीं दिखता.
यही वजह है कि ना सिर्फ देश के कोने-कोने से बल्कि विदेशों से भी लोग राजगीर घूमने आते हैं. भगवान बुद्ध की विरासत और भारतीय इतिहास को अपने में समेटे ये शहर पूरे राज्य में आकर्षण का केंद्र है. और अब यहीं पर तैयार हुए राज्य के पहले ग्लास ब्रिज से बिहार में नेचर एडवेंचर को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
Posted by: Utpal Kant