Republic Day 2021: भारत के संविधान (Indian Constitution) को बनाने वालों का नाम आप जानते हैं. सवाल यह है कि हमारे संविधान की सजावट किसने की? उनका बिहार से क्या कनेक्शन रहा है? दरअसल, भारतीय संविधान के पन्नों को सजाने वाले की खोज की जा रही थी. यह खोज शांति निकेतन (Shanti Niketan) में जाकर पूरी हुई. बंगाल के शांति निकेतन स्थित कला भवन में नंदलाल बसु (Nandlal Basu) प्राध्यापक के तौर पर काम कर रहे थे. तत्कालीन पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के शांति निकेतन दौरे के क्रम में उनकी नंदलाल बसु से मुलाकात हुई थी.
संविधान की सजावट करने वाले नंदलाल बसु का बिहार से सीधा कनेक्शन नहीं रहा है. इसके बावजूद मुंगेर जिला के हवेली खड़गपुर में उनकी यादें बसी है. हवेली खड़गपुर में नंदलाल बसु के नाम पर एक चौराहा है. यहां उनकी आदमकद प्रतिमा लगाई गई है. हर साल 3 दिसंबर को उनकी जयंती के मौके पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. आयोजन का मकसद नंदलाल बसु के प्रति सम्मान प्रकट करना है.
भारत के संविधान को नंदलाल बसु के निर्देशन में शांति निकेतन के कलाकारों ने अद्भुत चित्रों से सजाया है. इन चित्रों में मोहनजोदड़ो, वैदिक काल, रामायण, महाभारत, बुद्ध, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त और मुगल काल से जुड़ी आकर्षक झांकियां हैं. हमारे संविधान के पन्नों पर महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, हिमालय से लेकर भारतीय सागर के भी खूबसूरत चित्र हैं. यह चित्र भारत की विकास यात्रा की निशानी हैं. चित्रों की शुरुआत अशोक स्तंभ के शेर से होती है. इसके बाद संविधान की प्रस्तावना है.
संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे. इसे हाथों से लिखने में 6 महीने का समय लगा. इस काम से जुड़ा एक रोचक किस्सा है. भारत सरकार ने प्रेम बिहारी से काम को पूरा करने के लिए मेहनताना पूछा. इसके जवाब में रायजादा ने रुपए लेने से इंकार कर दिए. उन्होंने संविधान के हर पृष्ठ पर अपना और अंतिम पृष्ठ पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त रखी. इसे सरकार ने मान लिया था.
भारतीय संविधान में 22 भाग हैं. हर भाग की शुरुआत में 8X13 इंच के तसवीर बनाए गए हैं. सभी 22 चित्रों को बनाने में 4 साल का समय लगा था. इस विशेष काम के एवज में नंदलाल बसु को 21 हजार रुपए मेहनताना के रूप में मिले थे. दूसरे कलाकार प्रेम बिहारी रायजादा ने कोई मेहनताना लेने से इंकार कर दिया था. संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी है. इसे प्रेम बिहारी रायजादा ने लिखा है. इसे इटैलिक अक्षर में खूबसूरती से लिखा गया है, जिसे देखकर आप भी गर्व से भर जाएंगे.
Also Read: PM मोदी ने बाल पुरस्कार विजेताओं से की बात, 13 वर्षीया काम्या की बात सुनकर बोले- ”आपने चुनौती को एक अवसर में बदल दिया”पहले संविधान की मूलप्रति फलालेन के कपड़े में लपेटकर नेफ्थलीन बॉल्स के साथ रखी गई थी. 1994 में संसद भवन के लाइब्रेरी के खास चैंबर में संविधान को रखा गया. संविधान काली स्याही से लिखा है. उसे नाइट्रोजन के चैंबर में रखा गया है. नमी की जांच के लिए चैंबर में गैस मॉनिटर लगाए गए हैं. हर दो महीने पर संविधान की मूल प्रति की जांच की जाती है. इसकी सीसीटीवी से हर पल निगरानी होती रहती है.
Posted : Abhishek.