राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को डीएलएफ रिश्वत केस में सीबीआई ने क्लीन चिट दी है. उन्हें क्लीन चिट पहले मिली थी, इसकी पुष्टि अब की गई है. इसको लेकर साल 2018 में सीबीआई ने मामला दर्ज किया था और ठोस सबूत नहीं मिलने की सूरत में केस की फाइल को बंद कर दी थी. इसके बाद लालू यादव को क्लीन चिट मिल गई.
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जनवरी 2018 में लालू यादव पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप और रियल स्टेट कंपनी डीएलएफ के खिलाफ सीबीआई की जांच शुरू की गई थी. उस समय आरोप लगाया गया था कि एक शेल कंपनी (एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड) ने दिसंबर 2007 में दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में संपत्ति खरीदी थी. इस कंपनी के शेयर चार लाख रुपए में तेजस्वी यादव, चंदा यादव और रागिनी यादव ने 2011 में खरीदे. इस तरह वो एबी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड की संपत्ति के मालिक हो गए.
कंपनी की संपत्ति की कीमत पांच करोड़ रुपए आंकी गई थी. आरोप लगा था कि एबी एक्सपोर्ट से डीएलएफ को रिश्वत दी गई. इसे नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और बांद्रा रेलवे स्टेशन के प्रोजेक्ट के बदले में दिया गया था. इस मामले पर बिहार से लेकर दिल्ली तक काफी हंगामा भी हुआ था.
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इस मामले की साल 2018 में सीबीआई जांच शुरू की गई. लेकिन, ठोस सबूत नहीं मिलने की सूरत में लालू प्रसाद यादव को क्लीन चिट दे दी गई. सीबीआई के पूर्व निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला के समय ही लालू यादव को क्लीन चिट मिल चुकी थी. इसका खुलासा अब जाकर किया गया है. बताते चलें कि चारा घोटाले मामले में जेल की सजा काटने वाले लालू यादव जमानत पर बाहर हैं. उनका दिल्ली एम्स में भी इलाज चला था. वो तीन साल से ज्यादा वक्त तक जेल में रहे.