बिहार के नए डीजीपी डीजीपी (Bihar New DGP) के रूप में आइपीएस अधिकारी राजविंदर सिंह भट्टी (RS Bhatti IPS Bihar) मिल गये हैं. जो वर्तमान डीजीपी के एस सिंघल की जगह लेंगे. IPS भट्टी वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल (SSB) में पूर्वी कमान के डीजी हैं. नयी जिम्मेदारी के तहत वो सितंबर 2025 तक बिहार के डीजीपी रहेंगे. 1990 बैच के आइपीएस भट्टी से जुड़ी कई ऐसी कहानियां बिहार में है जिसे फिर एकबार लोग याद कर रहे हैं. ऐसा ही वाक्या भागलपुर जिले से जुड़ा है.
बिहार में अपराध की जब चर्चा होती है तो नब्बे व उससे पहले के दशक को जरूर याद किया जाता है. जिस समय बिहार में अपराध चरम पर था और दुर्दांत अपराधियों की तूती बोलती थी. भागलपुर में उस समय कई गिरोहों का आतंक था और बिहार के नये डीजीपी आरएस भट्टी (Bihar New DGP RS Bhatti) तब प्रशिक्षु आइपीएस के तौर पर बिहपुर थाना में बतौर थानेदार भेजे गये. इस दौरान उनसे जुड़े कुछ वाक्यों की चर्चा फिर एकबार हो रही है.
IPS आरएस भट्टी को प्रोबेशन के तौर पर तब 1991-92 में भागलपुर भेजा गया था. उन्हें बिहपुर का थानेदार बनाया गया. उस समय नवगछिया में कोशो कुंवर नाम के दुर्दांत अपराधी का आतंक था. नवगछिया अपराध का बड़ा गढ़ बन चुका था. कैलाश मंडल और कुशो कुंवर का लाइटर गिरोह और फाइटर गिरोह यहां लोगों के भय का कारण बन चुका था. दोनों गिरोहों के बीच जब टकराव हुआ तो तब 50 से अधिक लाशें गिरी थी. इसी दौरान IPS आरएस भट्टी की यहां एंट्री हुई थी.
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कोशो कुंवर को पकड़ने के लिए भट्टी तब फिल्मी अंदाज में केले से लदे ट्रक में भी छिपकर गये थे. हालाकि उन्हें कोशो को दबोचने में तब सफलता नहीं मिली थी. लेकिन बाद में उसे उन्होंने बाढ़ में जाकर दबोचा था. कोशो के कारण कई गांवों में दहशत रहता था. कुछ साल पहले कोशो कुंवर इलाज के क्रम में पटना में मर गया. लेकिन उसके आतंक को तब IPS आरएस भट्टी ने ही शांत किया था. जयरामपुर इलाकों में ग्रामीणों की मदद लेकर उन्होंने गिरोहों पर नकेस कसा था. आज भी गांव के लोग उस दौर में उनकी भूमिका को याद करते हैं.
Posted By: Thakur Shaktilochan