बिहार में छोटे नोटों 10 और 20 की बढ़ती संख्या से बैंक कर्मचारी और अधिकारी परेशान हैं. भारतीय रिजर्व बैंक और ग्राहकों के इन नोटों के न लेने से बैंक में इन्हें सुरक्षित रखने की जगह कम पड़ रही है. स्थिति यह है कि बैंक अफसरों को नोटों को बॉक्स और आलमारियों में रखना पड़ रहा है. सूबे के अलग-अलग करेंसी चेस्ट और बैंकों में लगभग 150 करोड़ नोट डंप पड़े हैं.
पटना जिले में सार्वजनिक और निजी बैंकों की संख्या लगभग 856 शाखाएं है. मिली जानकारी के अनुसार पटना जिले में 24 करेंसी चेस्ट है. इनमें स्टेट बैंक की पांच, पीएनबी की 2, बैंक ऑफ बड़ौदा की दो, बैंक ऑफ इंडिया की एक और इलाहाबाद बैंक की एक करेंसी चेस्ट है.
क्लीन करेंसी (clean currency) के तहत रिजर्व बैंक (RBI) ने 10, 20, 50 और सौ रुपये के नोट ला चुकी है. रिजर्व बैंक भी छोटे नोटों को लेने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है. इस बीच रिजर्व बैंक का एक्सचेंज काउंटर बंद होने से आमलोगों को अधिक परेशानी हो रही है. यह समस्या केवल शहरी क्षेत्र का ही नहीं ग्रामीण इलाके भी है. इस संबंध में रिजर्व बैंक के अधिकारी से संपर्क किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया.
Posted By: Utpal kant