बिहार में पांच नदियों का बालू अब महंगा हो जायेगा. सरकार ने सोन, किऊल, फल्गू, चानन और मोरहर नदी के बालू की रॉयल्टी दर दो गुनी कर दी गई है. अब इन नदियों के बालू की रॉयल्टी 75 रुपये प्रति घन मीटर की जगह 150 रुपये प्रति घन मीटर हो गया है. राज्य की शेष सभी नदियों के बालू की रॉयल्टी पूर्व की तरह 75 रुपये प्रति घन मीटर यथावत रहेगी.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में खनन विभाग के इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी है. प्रदेश की प्रमुख पांच नदियों किउल, सोन, मोरहर, फल्गु व चानन में उच्च गुणवत्ता का बालू मिलता है. निर्माण कार्य में इसी बालू की मांग अधिक है. इसके अलावा मंत्रिमंडल ने समग्र शिक्षा अभियान के नियोजित शिक्षकों के वेतन मद में राज्य कोष से 94 अरब की स्वीकृति दी है. कैबिनेट की बैठक में कुल आठ प्रस्तावों की स्वीकृति दी गयी.
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने बताया कि राज्य में निर्माण व भराई कार्यों के लिए पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध है. इसके लिए अनुमंडलीय स्तरीय समिति द्वारा जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की गयी है. इसका अनुमोदन राज्य पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकार (सिया) ने किया है. सर्वेक्षण में चिह्नित बालू घाटों में खनन योग्य बालू की मात्रा निर्धारित की गयी है. बालू घाटों की बंदोबस्ती पांच वर्ष के लिए करने तथा इन घाटों से पहले वर्ष के लिए सुरक्षित जमा का निर्धारण जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी गयी है.
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बालू के दाम में बढ़ोतरी की वजह से निर्माण उद्योग पर भी असर पड़ेगा. अब तक जहां एक ट्राली बालू कि कीमत करीब 5000 रुपये थी जो अब बढ़कर 8 हजार रुपये हो जाएगी. बिहार की पांच नदियों सोन, क्यूल, फल्गु, चानन और मोरहर का बालू प्रति घन मीटर 75 रुपये से बढ़ाकर 150 रुपये कर दिया गया है. दाम में बढ़ोतरी की वजह से गृह निर्माण महंगा हो जाएगा.