Saran hooch tragedy: बिहार के सारण जिले में हुए शराबकांड मामले ने फिर एकबार कोहराम मचाया है. पिछले दिनों 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है जबकि इन आंकड़ों में रोज इजाफा ही हो रहा है. ग्रामीणों में गुस्सा पुलिस प्रशासन के ऊपर है. वहीं इस शराबकांड मामले में अब मढ़ौरा सीडीपीओ की मुश्किलें बढ़ रही है.
सारण के छपरा में विगत दो दिनों में मशरक, इसुआपुर, मढ़ौरा और अमनौर में जहरीली शराब के सेवन से 50 से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी है जबकि कई लोग गंभीर हैं. जांच के दौरान प्रारंभिक तौर पर घटना के जिम्मेदार मढ़ौरा एसडीपीओ इंद्रजीत बैठा के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए उनका तबादला किया गया है. जबकि मशरक थाने के थानेदार व एक चौकीदार को निलंबित किया गया.
जहरीली शराबकांड मामला फिर एकबार प्रशासनिक उदासीनता को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है. इसके पूर्व भी अगस्त महीने में मढ़ौरा, मकेर और पानापुर में 23 लोगों की मौत हो गयी थी. इस मामले में डीएम राजेश मीणा ने मढ़ौरा एसडीपीओ इंद्रजीत बैठा के खिलाफ तब भी विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की थी. थानेदार व चौकीदार को भी निलंबित किया था. लेकिन इस अनुशंसा को तब से ठंडे बस्ते में ही डाल दिया गया.
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पुलिस प्रशासन की लापरवाही ने मढ़ौरा अनुमंडल को शराब के अवैध धंधेबाजों का सेफ जोन बना दिया है. अबतक सारण में कथित तौर पर शराब के सेवन से मरने वालों की संख्या अब जनवरी से दिसंबर तक छह दर्जन तक पहुंच चुकी है. इनमें पांच दर्जन मृतक मढ़ौरा अनुमंडल के ही हैं. ग्रामीणों ने वरीय पदाधिकारियों के आगे ये खुलकर शिकायत की है कि पुलिस पैसे की उगाही के कारण ही मौत का कोहराम मचता है.
बता दें कि बिहार के सारण जिला में फिर एकबार शराब पीने से मौत की घटना हुई है. पूरे जिले में इससे कोहराम मचा है. इसकी गूंज पटना से दिल्ली तक गयी है. विधानसभा और लोकसभा में इस मामले को उठाया गया है.
Posted By: Thakur Shaktilochan