Bihar Teacher Niyojan बिहार में भयावह होते कोरोना संकट के बीच नीतीश सरकार में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने शुक्रवार को जिला पदाधिकारियों एवं जिला शिक्षा पदाधिकारियों को दो टूक निर्देश दिये हैं कि निर्धारित शेड्यूल के तहत 17 जनवरी से छठे चरण की काउंसेलिंग शुरू करायी जाये. काउंसेलिंग कोविड प्रोटोकाल के तहत करायी जानी चाहिए. साथ ही प्रत्येक काउंसेलिंग सेंटर पर पूरे समय की प्रत्येक गतिविधि की वीडियोग्राफी करायी जाये.
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने साफ कर दिया कि तय समय पर हर हाल में नियुक्ति पत्र बांटे जायें. प्रदेश के सभी जिला पदाधिकारियों ने शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की इस मंशा से पूरी तरह सहमति दिखाई. छठे चरण की काउंसेलिंग के संदर्भ में शुक्रवार को आयोजित कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि दो साल से अधिक समय से चल रही नियोजन प्रक्रिया हर हाल में पूरी करानी है. योग्य अभ्यर्थी नियुक्ति पत्रों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं.
विजय कुमार चौधरी ने कहा कि विभाग को बेहतर और गुणवत्ता पूर्ण पढ़ाई के लिए योग्य शिक्षक भी चाहिए. नियोजन प्रक्रियाओं में किसी तरह बाधा के लिए सरकार ने कोई कोताही नहीं की है. कभी न्यायालय के हस्तक्षेप से नियोजन प्रक्रिया रुकी तो कभी चुनावों की वजह से नियोजन प्रक्रिया बाधित हुई. इसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश पर काउंसेलिंग रोकी गयी. विभाग की शुरू से इच्छा थी कि नियोजन प्रक्रिया समय पर पूरी हो, क्योंकि हमें योग्य शिक्षकों की जरूरत है.
प्रदेश के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि शिक्षक नियोजन सरकार की प्राथमिकता में है. इसमें किसी तरह की ढिलायी नहीं आनी चाहिए. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश एवं शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक डॉ विनोदानंद झा एवं प्रदेश के सभी डीएम और डीइओ जुड़े रहे. उल्लेखनीय है कि करीब 1200 नियोजन इकाइयों में करीब 11 हजार पदों पर काउंसेलिंग करायी जानी बाकी है. इसका काउंसेलिंग शेड्यूल पहले ही जारी हो चुका है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में ही एक जिला पदाधिकारियों ने अपने सुझाव भी दिये. काउंसेलिंग से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन सुझावों में सबसे अहम सुझाव यह थे कि कोविड प्रोटोकाल का पालन कराने के लिए घोषित शेड्यूल के तहत एक दिन की काउंसेलिंग दो दिन में करानी पड़ सकती है. वहीं, कुछ जिला पदाधिकारियों का कहना था कि काउंसेलिंग के लिए निर्धारित एक स्थान की जगह दो स्थान भी तय करने पड़ सकते हैं.