बिहार में शिक्षा विभाग और राजभवन आमने-सामने हो चुका है. बीआरए बिहार विवि के कुलपति और प्रति कुलपति के वेतन रोकने व उनके वित्तीय अधिकारों पर शिक्षा विभाग द्वारा रोक लगाने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ कि विभाग ने विश्वविद्यालयों पर नकेल कसने को एक और आदेश जारी कर दिया.
शिक्षा विभाग ने शनिवार को एक अहम फैसला लेते हुए राज्य भर के विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन का पालन सुनिश्चित करने के लिए ऑडिट कराने का निर्णय लिया है. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय का ऑडिट कराया जायेगा. इस विश्वविद्यालय के लेखा अभिलेखों व खर्चों के गहन ऑडिट का निर्णय शिक्षा विभाग ने लिया है. इसके लिए ऑडिट टीम का गठन किया है. सूत्रों के मुताबिक इससे संबंधित आदेश शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव के हस्ताक्षर से जारी हुए हैं. शिक्षा सचिव के आदेश के मुताबिक राज्य के विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनुशासन का पालन हो रहा है. विभिन्न राशियों का उपयोग किस प्रकार हो रहा है, इसका परीक्षण आवश्यक है. इसके लिए विश्वविद्यालयों के अकाउंट और उनके खर्चाें का ऑडिट कराया जायेगा.
ऑडिट दल से एक सप्ताह के अंदर आडिट कार्य पूरी कर रिपोर्ट मांगी गयी है. वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के संबंधित अधिकारियों खासकर कुलसचिव, वित्तीय सलाहकार एवं वित्त पदाधिकारी को आॅडिट में पूर्ण सहयोग करने को कहा गया है. आदेश की प्रति विश्वविद्यालय के संबंधित अधिकारियों के साथ ही भोजपुर के जिलाधिकारी को भी दी गयी है.
इसी क्रम में बिहार राज्य विश्वविद्यालय अधिनियम का हवाला देते हुए कहा गया कि राज्य सरकार को विश्वविद्यालय के लेखा-परीक्षण कराने का अधिकार है. इसी को ध्यान में रखते हुए वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के लेखा अभिलेखों व व्ययों का गहन अंकेक्षण कराने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए दो सदस्यीय दल का गठन किया गया है. इसमें शिक्षा विभाग के वेतन सत्यापन कोषांग के अफसर शामिल किये गये हैं.