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सृजन घोटाला बिहार: भागलपुर के पूर्व डीएम वीरेंद्र यादव की गिरफ्तारी का आदेश, वारंट जारी, जानें भूमिका

बिहार के सृजन घोटाला मामले में सीबीआइ अदालत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए भागलपुर के पूर्व डीएम वीरेंद्र यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है. वीरेंद्र यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी गयी है. जानिये किस तरह सरकारी खजाने में सेंधमारी की गयी.

बिहार के सबसे बड़े घोटालों में एक भागलपुर का बहुचर्चित सृजन घोटाला (Srijan Scam Bihar) मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है. सृजन मामले की सुनवाई कर रही पटना सीबीआइ की विशेष अदालत ने सृजन घोटाले के एक मामले में भागलपुर के पूर्व डीएम आइएएस अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है. वीरेंद्र प्रसाद यादव की जमानत याचिका खारिज हो गयी है. गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ गयी है.

जमानत याचिका अदालत ने खारिज किया

सीबीआइ ने कोर्ट के स्पेशल केस संख्या 03/20 में वीरेंद्र यादव समेत 10 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था. इनमें से एक मौत हो चुकी है. नौ आरोपितों के खिलाफ वारंट जारी किया गया है. इस मामले में आइएएस अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव ने अग्रिम कार्यवाही पर रोक लगाने व जमानत देने का आग्रह करते हुए आवेदन दिया था. लेकिन उक्त आवेदन को अदालत ने खारिज कर दिया. बता दें कि मामले में भागलपुर के पूर्व डीएम वआइएएस अधिकारी वीरेंद्र प्रसाद यादव उपस्थित नहीं हो रहे हैं.

करोड़ों रुपये की सरकारी राशि को किया डायवर्ट

वीरेंद्र प्रसाद यादव पर आरोप है कि इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर दो चेक के माध्यम से करोड़ों रुपये का गबन किया है. स्पेशल कोर्ट ने धारा 205 के तहत मिले आवेदन पर संज्ञान लेते हुए 30 मई को दाखिल अग्रिम जमानत आवेदन को खारिज कर दिया है.सीबीआइ ने अपने अनुसंधान में पाया है कि आइएएस वीरेंद्र प्रसाद यादव अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे और अन्य अभियुक्तों के साथ षडयंत्र कर दो चेक के माध्यम से करोड़ों रुपये की सरकारी राशि का स्थानांतरण सृजन संस्था के खाते में किया था. सृजन कर्मियों के सहयोग से उक्त राशि की निकासी कर बंदरवाट की गयी.

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चेक पर आइएएस वीरेंद्र प्रसाद यादव के हस्ताक्षर

बता दें कि वीरेंद्र यादव पर चार्जशीट नजारत शाखा के 21 करोड़ 95 लाख से अधिक रुपये सृजन के खाते में डायवर्ट करने के मामले में की गयी. इसमें दो चेक से राशि ट्रांसफर पाया गया तो दोनों चेकों पर आइएएस वीरेंद्र प्रसाद यादव के हस्ताक्षर पाए गये. इन चेकों पर किये गये हस्ताक्षर की जांच के लिए हैदराबाद स्थित सीएफएसएल को भेजा गया था. जहां ये पुष्टि हो गयी थी कि जिन चेकों से करोड़ों रुपये सरकारी खजाने से सृजन संस्था को डायवर्ट किये गये उन चेकों पर हस्ताक्षर वीरेंद्र प्रसाद यादव ने ही किया था.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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