Bihar Road projects: वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड सिक्सलेन एक्सप्रेसवे (varanasi ranchi kolkata expressway) का बिहार में करीब 159 किमी लंबाई में सात पैकेज में निर्माण होना है. इसमें से पांच पैकेज में बिहार के हिस्से में करीब 136.7 किमी लंबाई में हाइवे बनाने के लिए निर्माण एजेंसी का चयन किया जा चुका है. यह निर्माण नये साल की शुरुआत के साथ तेजी से शुरू होने की संभावना है. अन्य दो पैकेज में से पैकेज नंबर चार और पांच की डीपीआर बन रही है.
करीब 28500 करोड़ की अनुमानित लागत से करीब 610 किमी लंबाई में यह पूरी सड़क चार राज्यों से होकर गुजरेगी. इसकी शुरुआत वाराणसी रिंग रोड के पास चंदौली के बरहुली गांव से होगी. बिहार में प्रवेश करने के बाद यह कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया जिलों से गुजरेगी. इसके बाद झारखंड में प्रवेश के बाद चतरा, हजारीबाग, रामगढ़, पीटरबार और बोकारो से होकर करीब 187 किमी लंबाई तय कर यह सड़क पश्चिम बंगाल में प्रवेश करेगी. वहां के पुरुलिया, बांकुरा और आरामबाग से होकर एक्सप्रेसवे कोलकाता के पास उलुबेरिया में करीब 242 लंबाई तय कर नेशनल हाइवे 19 पर समाप्त होगी.
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सूत्रों के अनुसार इस सड़क के पहले पैकेज में उत्तर प्रदेश में केवल 22 किमी लंबाई में निर्माण होगा. इसी पैकेज में बिहार में करीब पांच किमी लंबाई में सड़क का हिस्सा शामिल है. यानी पहले पैकेज में करीब 994.3 करोड़ की लागत से करीब 27 किमी सड़क का निर्माण होना है. वहीं, दूसरे पैकेज में 851 करोड़ की लागत से करीब 27 किमी लंबाई में सड़क बनेगी. तीसरे पैकेज में करीब 1113.43 करोड़ की लागत से करीब 36 किमी लंबाई में सड़क बनेगी. वहीं छठे पैकेज में करीब 1035 करोड़ की लागत से करीब 35.20 किमी लंबाई में सड़क का निर्माण होगा. वहीं सातवें पैकेज में करीब 1248.37 करोड़ की लागत से करीब 33.50 किमी की लंबाई में सड़क बनेगी.
सूत्रों के अनुसार यह सड़क उत्तर प्रदेश से बिहार की सीमा में प्रवेश के बाद भभुआ-अधौर रोड होकर कैमूर अभयारण्य में प्रवेश करेगी. वहां पहाड़ी में टनल बनाना है. इसे लेकर एनएचएआइ के द्वारा सर्वे किया जाना है और फिलहाल पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की मंजूरी का इंतजार है. इसके आगे यह सड़क तिलौथू के पास से गुजरेगी. वहां सोन नदी में पुल बनना है. इसके बाद यह सड़क औरंगाबाद और गया जिला से होकर झारखंड में प्रवेश करेगी.