बिहार में शिक्षा विभाग ने स्कूलों में बच्चों व शिक्षकों की उपस्थिति बढ़ाने व शिक्षा के स्तर को बेहतर करने के लिए सख्त रुख अख्तियार करना शुरू कर दिया है. विभाग ने मंगलवार से स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति की निगरानी एप के माध्यम से शुरू कर दी है. इसके साथ ही विभाग ने आदेश जारी किया है कि जिस टोले के बच्चों की उपस्थिति स्कूलों में 90 फीसदी से कम रहेगी उस पोषक क्षेत्र के शिक्षा सेवक के मानदेय में कटौती की जायेगी.
बता दें कि ई-शिक्षा कोष पोर्टल पर मंगलवार से मोबाइल एप के माध्यम से शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज होना शुरू हो गयी है. इसके लिए प्रधानाध्यापकों को निर्देशित किया जा चुका था. खास बात यह होगी कि विद्यालयों एवं शिक्षकों की तमाम कठिनाइयों को देखते हुए वीडियो भी तैयार किया जायेगा. जिसे पोर्टल पर अपलोड किया जा सकेगा.
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक और अन्य तरह की विद्यालय की गतिविधियों की मॉनीटरिंग के लिए तेयार ई शिक्षाकोश एप विकसित किया जा चुका है. ई-शिक्षाकोष के चार मॉड्यल में से प्रथम चरण में दो मॉड्यूल विद्यालय एवं शिक्षक के आंकड़ों को अपडेट करना है. यह आंकड़े यूडाइस पोर्टल पर आधारित होंगे. इस पोर्टल पर प्रधानाध्यापकों को आंकड़े अपडेट करना है. प्रधानाध्यापक पोर्टल पर शिक्षकों का पंजीकरण करेंगे. वे ही सभी शिक्षकों की आइडी बनायेंगे. पासवर्ड भी देंगे.
शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किये हैं कि जिस पोषक क्षेत्र या टोला में महादलित, दलित, अल्पसंख्यक आदि वर्ग के बच्चों की उपस्थिति 90 फीसदी से कम रही तो उस पोषक क्षेत्र के शिक्षा सेवक के मानदेय में 25 फीसदी की कटौती की जायेगी. इसलिए बच्चों की जरूरी उपस्थिति बढ़ाने के उपाय करें. जन शिक्षा के निदेशक संजय कुमार ने इस संदर्भ में जरूरी कार्यवाही के लिए सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को आदेश जारी कर दिये हैं.
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संजय कुमार ने आदेशित किया है कि इस निर्देश का अनिवार्य तौर पर पालन किया जाये. जानकारी हो कि वंचित वर्ग के बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षा सेवकों को विशेष जिम्मेदारी दी गयी है. इसके बदलते उन्हें मानदेय दिया जाता है.