शिक्षा विभाग बिहार के ढाई से तीन लाख शिक्षकों को भाषा और अंक गणितीय ज्ञान की बारीकियां सिखायेगा. इसके साथ ही उनके पढ़ाने के तरीके को प्रभावी बनाने की भी ट्रेनिंग दी जायेगी, ट्रेनिंग में शिक्षकों को डिजिटल उपकरण व कंप्यूटर चलाना भी सिखाया जाएगा. ताकि यह शिक्षक कक्षा में बेहतर ढंग से बच्चों को पढ़ा सकें. शिक्षा विभाग ने ट्रेनिंग की जिम्मेदारी एससीइआरटी को सौंपी है और एससीइआरटी ने इसके लिए तैयारी कर ली है. विभाग ने भी इस तरह के प्रशिक्षण के लिए हाल ही में रजामंदी दे दी है.
प्रशिक्षण के लिए शिक्षकों की संख्या काफी अधिक होने की वजह से एससीइआरटी ने इसके लिए एक शेड्यूल तैयार किया है. जिसके तहत ग्रुप बनाकर यह ट्रेनिंग कक्षा एक से 10 तक के शिक्षकों को दी जाएगी. एक ग्रुप में 80 से 90 शिक्षक हो सकते हैं. यह विशेष प्रशिक्षण सभी शिक्षकों को लेना है. प्रशिक्षण की कवायद जुलाई से शुरू हो जायेगी. शिक्षकों को बारीकियां सिखाने के लिए मास्टर ट्रेनर्स को भी प्रशिक्षित किया जा चुका है.
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक ट्रेनिंग के लिए मास्टर ट्रेनर्स बनाये गये हैं. इसमें वर्तमान अध्यापक प्रशिक्षण संस्थानों के अवकाश प्राप्त एक्सपर्ट भी जोड़े गये हैं. यह समूची कवायद नयी शिक्षा नीति के तहत की जा रही है. ट्रेनिंग के दौरान सभी शिक्षकों को शिक्षण के लिए ऑडियो-वीडियो का उपयोग कैसे करें, वो भी सिखाया जाएगा. इसी तरह पढ़ाई में कंप्यूटर व अन्य डिजिटल संसाधनों का उपयोग कैसे किया जाए यह भी शिक्षकों को सिखाया जाएगा.
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बिहार में कक्षा 8वीं तक के 58 फीसदी शिक्षकों को कंप्यूटर की जानकारी नहीं है. ऐसे में राज्य के दो लाख से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षण देने पर विचार किया जा रहा है. यह जिम्मेदारी एससीईआरटी (राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) को दी गई है. बता दें कि एससीईआरटी ने ऐसे शिक्षकों को चिह्नित किया है जिनको कंप्यूटर की जानकारी नहीं है. अब इन शिक्षकों को कंप्यूटर प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक इसके लिए आठवीं तक के स्कूल में आईसीटी के तहत दस-दस कंप्यूटर लगाये गये हैं. उल्लेखनीय है कि प्लस टू स्कूलों में पढ़ाने के लिये बिहार लोक सेवा आयोग के जरिये कम्प्यूटर शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है.
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