Upendra Kushwaha PC: जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय उपेंद्र कुशवाहा पार्टी में खुलकर बगावत कर चुके हैं. मंगलवार को उपेंद्र कुशवाहा ने फिर एकबार प्रेस कांफ्रेंस के जरिए पार्टी के शीर्ष नेताओं पर हमला बोला है. उपेंद्र कुशवाहा ने पार्टी में अपनी जगह को लेकर फिर से सवाल खड़ा किए. उन्होंने कहा कि मुझे पद नहीं दिया गया है जबकि झुनझुना थमाया गया है.
उपेंद्र कुशवाहा ने आरोप लगाया कि जदयू में आने के बाद उन्हें संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का पद देकर बस एक कोरम पूरा किया गया. जबकि उसके पास कोई अधिकार नहीं है. कहा कि पार्टी में यह साफ है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष का मनोनय राष्ट्रीय अध्यक्ष करेंगे. लेकिन इसके साथ ही संसदीय बोर्ड के सदस्य को भी राष्ट्रीय अध्यक्ष ही मनोनित करेंगे. ये समझ से परे है. कुल मिलाकर साफ है कि मेरे पास कोई पावर नहीं दिया गया. ये पद झुनझुना नहीं तो और क्या है.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि मुझे हाथ में लॉलीपाप थमाया गया. ना तो मेरे पास संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष होते हुए उस बोर्ड के सदस्य के मनोनय का अधिकार है और ना ही किसी चुनाव में मेरी कोई सलाह आजतक ली गयी. कुशवाहा ने कहा कि हाल में विधानसभा उपचुनाव, MLC चुनाव या निकाय चुनाव की ही बात करें तो कभी भी पार्टी ने ये जरुरी नहीं समझा कि मुझसे कोई राय भी ली जाए. जबकि संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष का यह अधिकार होता है.
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उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि हमने कई बार खुद आगे होकर सुझाव देना चाहा. लेकिन उसे कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ. खुद मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष को जाकर अच्छे सुझाव दिए लेकिन उसपर कोई ध्यान नहीं दिया गया.
कुशवाहा बोले कि जब पार्टी की ओर से कोई कमिटी ही नहीं है तो संसदीय बोर्ड की बैठक क्या करें और किसपर विचार करें. ये केवल हमें झुनझुना दे दिया गया. वहीं उपेंद्र कुशवाहा ने साफ शब्दों में कहा कि वो पद नहीं छोड़ेंगे. सीएम का वो आदर करते हैं. वो चाहते हैं कि मुख्यमंत्री उनसे बात करें और चीजों को सही करें.
Posted By: Thakur Shaktilochan