Uttarakhand Tunnel Collapse: उत्तराखंड में टनल हादसा सामने आया है. जानकारी के अनुसार इसमें करीब 40 मजदूर फंसे हुए हौ. वहीं इस सुरंग में बिहार के चार मजदूरों के फंसे होने की सूचना सामने आई है. इनको बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन किया जा रहा है. समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार चार राज्यों के मजदूर यहां फंसे हुए है. सुरंग का निर्माण कर रही कंपनी के मुताबिक सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं. उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है. इसके बाद उसके अंदर फंसे सभी 40 श्रमिक सुरक्षित बताए जा रहे हैं. जानकारी के अनुसार उनसे संपर्क स्थापित हो गया है. इसके बाद उन तक खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है. सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं.
बिहार के मजदूरों की पहचान सोनू शाह, सुशील कुमार और वीरेन्द्र किसकू के रूप में हुई है. सोनू शाह मूल रूप से बिहर में साहनी गांव का रहने वाला बताया जा रहा है. दूसरे मजदूर की पहचान सुशील कुमार के रूप में की गई है. बताया जाता है कि यह चंदनपुर गांव का रहने वाला है. वहीं, मजदूर वीरेन्द्र किसकू के बारे में बताया जा रहै है कि यह कटोरिया के तेतरिया गांव का निवासी है, जो बांके जिले में है. सुरंग में फंसे हुए मजदूरों में सबाह अहमद का नाम भी शामिल है. यह बिहार के भोजपुर जिले का बताया जा रहा है. जानकारी के अनुसार यहां तेजी से मलबा को हटाने का काम किया जा रहा है. अंदर फंसे मजदूरों को कम्प्रेसर की मदद से खाने का सामान दिया जा रहा है. सरकार की ओर से इन्हें बचाने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है. मालूम हो कि यहां पिछले 24 घंटे से अधिक समय से मजदूर फंसे हुए है. ऑक्सीजन के साथ ही मजदूरों तक खाना और पानी पहुंचाया जा रहा है. वॉकी- टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क करने की बात भी सामने आई है. इसके जरिए ही बताया गया है कि सभी श्रमिक सुरक्षित हैं.
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फिलहाल, यह मजदूर 60 मीटर की दूरी पर स्थित हैं. उत्तरकाशी जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए खुदाई करने वाली बड़ी मशीनों की मदद से पानी युक्त मलबा हटाने का काम लगातार जारी है . 24 घंटे लगातार रेस्क्यू का काम किया जा रहा है. एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने भी जानकारी दी है. उनके अनुसार बचाव कार्य में बाधा डाल रहे ढीले मलबे पर कंक्रीट का छिड़काव कर ‘शाटक्रीट’ की प्रक्रिया से उसे स्थिर बनाने का प्रयास किया जा रहा है . यहां फंसे मजदूरों को पाइट के जरिए जरुरत का सामान दिया जा रहा है. बिहार के चार मजदूर भी सुरंग के निर्माण कार्य में जुटे थे. यह भी सुरंग का हिस्सा धंसने से फंस गए है. इन्हें बचाने की कोशिश जारी है.
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